अक्सर आपने सुना होगा लोग गांव छोड़कर शहर आते हैं, ताकि वो अपना खर्चा निकाल सकें. साथ ही गांव में मजदूरी के कम दाम मिलते हैं जिस वजह से लोगों को शहर का रुख करना पड़ता है. मगर हमारे देश में एक गांव ऐसा भी है, जहां के लोग रोजगार के लिए अपने गांव से बाहर नहीं जाते, बल्कि अपने गांव में ही बिजनेस करते हैं. महाराष्ट्र में एक ऐसा गांव है जहां के लोग रोजगार के लिए बाहर नहीं जाते बल्कि अपने गांव से ही 400 करोड़ का बिजनेस करते है.
4000 परिवारों का 400 करोड़ का आय
महाराष्ट्र के वर्सोवा के कोलिवाड़ा गांव के लोग दोपहर होने पर मछली पकड़ने के लिए समुद्र के किनारे पहुंच जाते हैं और फिर शाम तक ग्राहकों को मछलियां बेचते है. इसके बाद जो मछलियां बचती हैं उन्हें गांव के लोग क्रॉफर्ड मार्केट से एक्सपोर्ट के लिए भेज देते हैं. इस गांव में लगभग 4000 घर है और करीब 300 मछुआरी जहाज जिससे गांव वाले सालाना लगभग 400 करोड़ रुपए का बिजनेस करते हैं.
गांव में है 300 मछुआरे जहाज
मुंबई में वर्सोवा का कोलिवाड़ा गांव है. पश्चिमी तट के किनारे बसा यह गांव मछुआरों की पारंपरिक जीवन शैली को पूरी तरह से झूठा साबित कर रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ मछलियों के कारोबार से यहां कई बहुमंजिला इमारतें खड़ी हो चुकी हैं. इस गांव में 300 मछुआरे जहाज हैं.
फिश फेस्टिवल से करीब 4 करोड़ का कारोबार
वर्सोवा का फिश फेस्टिवल भी बेहद मशहूर हैं, इससे भी यहां के लोगों की खूब कमाई होती है. हर साल यहां पर करीब 60 छोटे और बड़े स्टॉल लगाए जाते हैं और इसके बाद हर एक स्टॉल ने 5-6 लाख रुपए की कमाई करते है. इस फेस्टिवल से ही करीब 4 करोड़ रुपए की कमाई हुई.
अब खराब हो रहा है पानी
हालांकि, समुद्र में सीवेज का गंदा पानी बहने की वजह से यहां का कारोबार प्रभावित हो रहा है. अब मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए 50 नॉटिकल मील्स की दूरी तय करनी पड़ती है. वर्सोवा का पानी बहुत गंदा हो चुका है और काफी लोग यहां मछली पकड़ना बंद कर चुके हैं…Next
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