बाबा रामदेव जो योग गुरु के नाम से जाने जाते हैंं, उन्होंने दुनियाभर में योग का ऐसा डंका बजाया है कि वो घर-घर तक पहुंच गया. रामदेव ने योग को दुनिया तक पहुंचाया. हर कोई उनके योग को फॉलो करता है. बाबा रामदेव ने ‘पतंजलि’ नामक कंपनी को बनाया और आज के दौर में ये कंपनी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. आखिर एक योगी कैसे बन गया अरबपति कारोबारी जानें उनके संघर्ष की पूरी कहानी?
हरियाणा के गांव से हैं रामदेव
बाबा रामदेव हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के अली सैयदपुर गांव में जन्में हैं. गरीब परिवार से होने के कारण उनकी पढ़ाई ज्यादा ना हो सकी. वो अपने दोस्तों से उधार मांगकर किताबें पढ़ा करते थे. बाबा अपना ज्यादा समय खेतों में गुजारते थे और पिता के साथ मिलकर खेतों में काम करते थे.
कैसे बढ़ी योग में दिलचस्पी
रामदेव ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो पहले बेहद मोटे और बीमार रहते थे, जिस वजह से उनके दोस्त उन्हें चिढ़ाते थे. उसके बाद से ही उन्होंने खुद को बदलने की ठान ली और गांव में लगने वाले योग शिविर में जानें लगे, यही से उनका झुकाव योग की तरफ होने लगा.
घर से भाग गए रामदेव
घर में तंगहाली थी और बाबा का पढ़ने में मन नहीं लगता था ऐसे में उन्होंने महज 8वीं तक ही शिक्षा ली और उसके बाद एक दिन वो घर से भाग गए और घर से भागकर खानपुर के एक गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न और योगाचार्य बलदेव जी से संस्कृत एवं योग की शिक्षा लेने लगे.
हिमालय चले गए बाबा, साइकिल पर बेची दवाएं
गुरुकुल में कुछ साल बिताने के बाद बाबा हिमालय की तरफ चले गए करीब पांच सालों तक वहां रहने के बाद वो वापस हरिद्वार आए. यहीं पर उन्होंने संन्यासी बनने का फैसला लिया और साथ ही अपने गुरु शंकरदेव महाराज के आश्रम में रहा करते थे और वहीं से लोगों को योग की शिक्षा देनी शुरू कर दी. वो साइकिल पर हरिद्वार में घर में बनी दवाइयां बेचते थे.
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दिव्य योग ट्रस्ट को संभाला
गुरु शंकरदेव की खराब तबीयत की वजह से रामदेव ने दिव्य योग ट्रस्ट को संभाला उस दौरान वो योग शिविरों का आयोजन करते थे. इसमें उनका साथ दिया उनके दोस्त बालकृष्ण और कर्मवीर ने, ये दोनों आज भी रामदेव के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
धीरे- धीरें बढ़ा लोगोंं का रूझान
रामदेव पहले शिविर से टीवी के जरिए लोगों तक योग को पहुंचाया करते थे. उनके शिविर में बड़े-बड़े नेता आने लगे. साथ ही लोगों का भी योग के प्रति लगाव बढ़ने लगा. धीरे-धीरे उनके नाम से योग जाना जाने लगा और कई बड़ी हस्तियों ने बाबा का साथ भी दिया.
पतंजलि आयुर्वेद नाम की बनाई कंपनी
रामदेव ने योग के बाद जड़ी बूटियों का कारोबार शुरू किया और धीरे-धीरे इसका प्रचार प्रसार शुरू किया. बाबा ने अपने आश्रम में आयुर्वेदिक दवाईयां भी बनानी शुरू कर दीं. रामदेव के ट्रस्ट का मकसद आम लोगों के बीच योग और आयुर्वेद के प्रयोग को लोकप्रिय बनाना था. दिव्य योग ट्रस्ट 2006 में दूसरा पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट बना. पतंजलि योगपीठ की संपत्ति ही करीब एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बताई जाती है. इस योगपीठ में हॉस्पिटल, योग रिसर्च सेंटर, यूनीवर्सिटी और आयुर्वेदिक फार्मेसी के अलावा फूड पार्क और कॉस्मेटिक मेन्युफैक्चरिंग है.
ऐसे फैला पतंजलि का कारोबार
पहले रामदेव केवलजड़ी बूटियों का कारोबार करते थे. लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने पहले आयुर्वेदिक दवाईयां और अब बाबा रोजमर्रा की जरूरत की हर चीजें बनाने लगे हैं. उनका कारोबार आज पूरे देश में धूम मचा रहा है और कई नामी कंपनियों को पीछे छोड़ रहा है..Next
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