“जाको राखे साइयाँ मार सकै न कोय” मतलब जब तक ईश्वर की इच्छा न हो तो किसी भी तरह का की दुर्घटना में इंसान को एक खरोंच तक नहीं आती और दुश्मन के सभी प्रयास विफल हो जाता है . इस तथ्य का जीता जागता प्रमाण है क्यूबा के पॉलिटिशियन ‘फिडेल कास्त्रो ‘ जिसने दस – बीस बार नहीं बल्कि पूरे 638 बार मौत को मात दी.
जी हाँ कास्त्रो ने 50 साल तक क्यूबा के प्रजातंत्र पर राज किया, वह 1959 से 1976 तक प्रधानमंत्री और 1976 से 2008 तक क्यूबा के राष्ट्रपति रहे. ‘फैबियन एसकैलेंट’ क्यूबा के रिटायर्ड चीफ हैं, जो एक समय में कास्त्रो के बॉडीगार्ड हुआ करते थे, उन्होंने पुराने वर्षों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए कहा कि, ‘अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी’ ने लगभग 638 बार कास्त्रो को जान से मारने का प्रयास किया, लेकिन यह कभी अपने इरादों को अंजाम देने में सफल न हो सके.
कास्त्रो को मारने के लिए कभी विस्फोटक सिगार, तो कभी जहरीली सिगार का प्रयोग किया गया, लेकिन उनको कामयाबी न मिली. एक बार कास्त्रो के डाइविंग सूट में जहरीला लेप लगाया गया, जिससे उनके शरीर पर घाव हो और वह मर जाए, लेकिन समय से मिले उचित इलाज ने कास्त्रो को बचा लिया. एक भाषण के दौरान मंच पर बम लगाया गया, जिसको फटने से पहले ही तलाश कर लिया गया.
इसके बाद एक बॉल पेन को हथियार बनाया गया जिसमे स्प्रिंग के साथ सूक्ष्म बम सेट किया गया जिसको इस्तमाल करने के तुरंत बाद कास्त्रो की जान जा सकती थी, लेकिन पेन का खो जाना एक भाग्यशाली संयोग साबित हुआ. कास्त्रोरो को तैराकी का शौक था और वह अक्सर स्विमिंग करने जाया करते थे. पानी के भीतर मौजूद सीपि के भीतर विस्फोटक लगाया गया और यहाँ भी कास्त्रो की किस्मत ने उसका साथ दिया और वह बच गए .
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अनेक अपराधियों को कास्त्रो को मारने का काम सौपा गया, लेकिन कोई भी अपने मंसूबे पूरे करने में सफल न हो सका. इतना ही नहीं उनके एक बहुत ख़ास दोस्त ने उन पर गोली चलाई तो उसका निशाना चूक गया. उनकी पूर्व पत्नी ‘मैरिटा लॉरेंज़’ खाने में ज़हर मिलाकर कास्त्रो को मारने के प्रयास किया, तो वह रंगे हाथ पकड़ी गयी. कास्त्रो ने कहा – “तुम मुझे मरना चाहती हो तो, ये लो मेरी पिस्तौल और मुझे सामने से मारो.” इतना सुनते ही मैरीन गिर पड़ी और उसके दिल की धड़कन हमेशा के लिए बंद हो गयी.
विशेष सूत्रों के अनुसार, कास्त्रो नहाने के बाद हमेशा अपने उतारे हुए अंडरवियर और बनियान को जला दिया करते थे ताकि कोई व्यक्ति उसमे हानिकारक पदार्थ लगाकर उनको नुकसान न पहुँचा सके . कास्त्रो कहते थे कि – ” अगर मौत पर विजय हासिल करने का कोई ऑलिम्पिक होता तो निश्चित रूप से मेरे पास बहुत सारे गोल्ड मैडल होते.“
इस तरह मौत से जीतते हुए कास्त्रो ने क्यूबा में प्रभावशाली राष्ट्रपति के रूप में पूरे 50 साल तक शासन किया. 2006 में अधिक तबियत ख़राब होने पर कास्त्रो का कार्यभार उनके छोटे भाई राउल कास्त्रो को सौप दिया गया और 2008 में स्वास्थ्य में सुधार होने पर फिडेल कास्त्रो ने राष्ट्रपति पद से रिटायरमेंट ले लिया. 2008 में जनता द्वारा उनके भाई राउल को नया राष्ट्रपति चुना गया…Next
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