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कभी हरे कपड़े से ढ़क दिया गया था ताजमहल को, कौन उड़ाने वाला था बम से इसे?

किसी देश में मौजूद हिस्टोरिक प्लेसेज़ और वहाँ पर बनी ऐतिहासिक इमारतें और स्मारक उस देश की पहचान होते हैं. वास्तव में यह इमारतें किसी देश की आन, बान और शान की प्रतीक होती हैं और इनको सुरक्षित रखना एक देश तथा देशवासियों का कर्तव्य भी है.


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विश्व युद्ध II में की गई ताजमहल की सुरक्षा

ताजमहल भारत देश का सुप्रसिद्ध स्मारक है, बल्कि यूँ कहिये यह हमारे देश का परिचय है, जिसके कारण भारत का नाम सारी दुनियाँ जानती है. उसकी हिफाजत करने के लिए भारत देश के सुरक्षाबल और यहाँ की सरकार हमेशा ही सजग रहती है. 1942, विश्व युद्ध II की विषम परिस्तिथियों में ताज को निरंतर गिरने वाले बॉम्ब्स से सुरक्षित रखने के लिए एक विशेष प्रकार की घेराबंदी की गयी. जिसमें ताज के चारों ओर मजबूत लकड़ियों की बाड़ लगायी गयी और ऊपर से भी उसको पूरी तरह ढक दिया गया जो बाँसों और लकड़ियों के एक विशाल गट्ठर जैसा प्रतीत होता था.


Taj


ताजमहल की तस्वीरें लेना भी मना था

मौजूदा तस्वीर में सिर्फ ताजमहल की गुम्बद को ढका हुआ दिखाया गया है, लेकिन उस समय मौजूद लोगों के मुताबिक पूरे ताजमहल को सुरक्षा के उद्देश्य कवर किया गया था . शायद ब्रिटिश सरकार ने सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए किसी को इसकी तस्वीर लेने की आज्ञा नहीं दी. अपने देश की धरोहर को सरंक्षित करने के लिए 1965  के युद्ध के दौरान भी स्पेशल कवरिंग की गयी थी.




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पाकिस्तान से हुए युद्ध के दौरन भी ढका गया था ताज

1971 में पाकिस्तान से युद्ध के समय इसको हरे कपडे से ढका गया और आस-पास हरे पेड पौधे लगा दिए गए ताकि यह हरियाली के बीच दिखायी न दे और दुश्मन चाहकर भी इसको अपना निशाना न बना पाये. हालाँकि आधुनिक टेक्नोलॉजी के जीपीएस और सैटेलाइट जैसे उपकरणों की मदद से किसी बिल्डिंग और मोन्यूमेंट को ऑयडेंटिफाई करना बहुत मुश्किल नहीं है लेकिन भारतीय सेना की कड़ी सुरक्षा ऐसी परिस्तिथियों से निपटने में सक्षम हैं.



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हम अपने देश की विरासत ताज को दुश्मनों से बचाने में तो सफल रहे, लेकिन ताजमहल को देखने आने वाले लाखों भारतीय लोग इसको क्षति पहुँचाने से बाज नहीं आते. ताज के चारों और बहती यमुना जी को बुरी तरह प्रदूषित कर दिया गया है, जिसकी वजह से दुनिया का सातंवा अजूबा कहे जाने वाले ताज की आबो-हवा भी सुरक्षित नहीं है. वास्तव में,  हमारी धरोहर ताज दयनीय स्तिथि में हैं, और समस्त भारतियों का एकजुट प्रयास ही ताज को शुद्ध और सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सकता है..Next



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