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सूरज की रोशनी से चलते हैं ये दोनों बच्चे, डॉक्टर और वैज्ञानिक हैरान!

हाल ही में पाकिस्तान देश से खबर आई थी कि पाकिस्तान की संसद पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर चलने वाली दुनिया की पहली संसद बन गई है. पाकिस्तानी संसद की सौर ऊर्जा परियोजना को चीन के एक उद्यम द्वारा 5.5 करोड़ डॉलर धन उपलब्ध कराया गया था. यह तो बात हुई पाकिस्तानी संसद की, लेकिन आजकल अब्दुल रशीद और शोयब अहमद की भी खूब चर्चा हो रही है जो पाकिस्तान में अपनी सौर उर्जा शक्ति की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर हो रहे हैं!


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विश्वभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इस बात से हैरान हैं कि कैसे ये दोनों भाई केवल सूरज की रोशनी में ही बोलते हैं, दौड़ते हैं और खेलते हैं लेकिन जैसे ही सूरज डूबने लगता है इनकी उर्जा या शक्ति क्षीण होने लगती है. दिखने में यह एक पौराणिक कहानी की तरह है लेकिन यह सच्ची घटना पाकिस्तान के एक गांव की है जो इन दिनो खूब सुर्खियां बटोर रही है.


क्या है मामला

यह मामला पाकिस्तान के पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा से कुछ दूरी पर स्थित एक गांव की है। यहां 9 साल के अब्दुल रशीद और 13 साल के शोयब अहमद आसमान में सूरज निकलते ही एक्टिव हो जाते हैं. इस दौरान वह आपस में खेलते हैं, हंसते हैं और सबसे बाते भी करते हैं लेकिन जैसे ही सूरज डूबने लगता है वह पूरी तरह से पैरालिसिस के शिकार हो जाते हैं. उस दौरान वह ना तो किसी से बात करने की स्थिति में होते हैं और ना ही चलने की स्थिति में.


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ऐसा नहीं है कि अब्दुल रशीद और शोयब अहमद के इस बीमारी का इलाज नहीं चल रहा है. डॉक्टर यहां तक की वैज्ञानिक भी इस बीमारी के लक्षण ढूंढने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक वह सफल नहीं हो पाएं हैं.


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पाकिस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के प्रोफेसर जावेद अकरम जो इन दोनों भाइयों का इलाज कर रहे हैं का कहना है कि ‘हमने इस केस को चुनौती के रूप में लिया है, हमारे डॉक्टर इस जांच में लगे हुए हैं कि कैसे ये बच्चे दिन में एक्टिव हो जाते हैं और रात में लकवाग्रस्त.’ अकरम आगे कहते हैं कि ‘पाकिस्तान सरकार इन दोनों भाइयों का फ्री में इलाज करवा रही है, हमने आगे की जांच के लिए उनके (दोनों भाई) मेडिकल टेस्ट और खून के सैंपल को भी विदेश भेजा है.’ आपको बता दें, इस केस से जुड़े जांचकर्ताओं ने गांव के सॉइल और एयर सैंपल्स भी ले लिया है.


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अब्दुल रशीद और शोयब अहमद के पिता मोहम्मद हाशिम हैं जिनके छह बच्चे हैं. उनमें से दो बच्चों की मौत बहुत पहले हो गई थी. अब उनके चार ब्च्चों में से दो बच्चों को यह बीमारी है और दो पूरी तरह से स्वस्थ हैं. मोहम्मद हाशिम के अनुसार ‘मेरे बेटों को सूरज से शक्ति मिलती है.’


हैरान करने वाली बात यह है कि डॉक्टर इस बीमारी को सूरज की रोशनी के साथ नहीं जोड़ते. उनके मुताबिक अगर ऐसा होता तो ये दोनों बच्चे दिन में जहां सूरज की रोशनी नहीं आती वहां उन्हें उर्जा नहीं मिलती. अर्थात दिन में वह कमरे में भी रहते हैं तो वो उर्जावान रहते हैं…Next


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