उत्तर भारत का राज्य पंजाब अपनी संस्कृति, नृत्य, संगीत और परिधान के लिए विश्वविख्यात है. लेकिन अधिकतर लोग इस बात को नहीं जानते कि यह राज्य अपने घरों में असाधारण पानी के टैंको के लिए भी दुनियाँ भर में मशहूर है. गांव में खास तौर पर एनआरआईज के घरों की छत पर इस तरह की टंकियां रखी है. घर की छतों पर रखी जाने वाले टैंको से व्यक्ति विशेष की पहचान होती हैं. समृद्ध परिवार अपने घरों पर तरह-तरह के टैंक बनवा रहे हैं. कोई गुलाब का फूल बना खुशहाली का संकेत देता है तो कोई घोड़ा बनाकर रौबदार परिवार का संकेत देता है. कोई शेर बनाकर अपनी बहादुरी जाहिर करता है तो कोई बाज बनाकर अपनी पहचान को दमदार रूप से प्रस्तुत करता है. पर्यटकों के लिए ये टैंक आकर्षण और आश्चर्य का केंद्र हो सकते हैं लेकिन यहाँ के लोगों की भावनाए इनसे जुडी हैं.
कंक्रीट से बने ये विशाल वाटर टैंक जिनको पंजाब के लोग अपने घरो की छतों पर पानी जमा करने के लिए बनाते हैं, अनेक आकृतियों में लोगों की पसंद से डिजाइन किये जाते हैं. हवाई जहाज, पानी का जहाज, ट्रेक्टर, पक्षी, जानवर से लेकर फुटबाल तक की आकृति वाली टंकियां बनायीं जाती हैं . ये खूबसूरत पानी के टैंक पंजाब के प्रत्येक शहर, कस्बे यहाँ तक कि हर छोटे गाँव का हिस्सा है . जो लोग पंजाब नहीं गए उनके लिए ये वाटर टैंक अजूबे से कम नहीं है.
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सामान्यत ये टैंक घरो को एक विशेष पहचान देते हैं और प्रतिष्ठा के प्रतीक माने जा सकते हैं परन्तु वास्तव में इनसे घर के सदस्यों की यादें जुडी होती हैं. जिन लोगों के परिवार के सदस्य विदेश जाते हैं ,वो हवाई जहाज की शेप वाले और जो सेना से जुड़े होते हैं वह आर्मी टैंक की शेप की टंकिया बनवाते हैं. लुधियाना के रहने वाले ‘रणजीत मक्कर ‘ जो बचपन में जानवरों से बहुत प्यार करते थे, अपनी पालतू ईगल की याद में ईगल शेप का टैंक उसके लिए श्रद्धांजलि बतौर बनवाया है.
जब घरों को नए ढंग से बनाया जाता है तो पुराने टैंको को तोड़ा नहीं जाता बल्कि पुराने टैंको को बारिश के पानी को सरंक्षित करने के लिए प्रयोग किया जाता है और भीषण गर्मी के समय इस पानी को प्रयोग में लाया जाता है. स्थानीय निवासी परमजीत कौर कहती हैं – “हम टैंको को बहुत पैसा ख़र्च करके बनवाते हैं ,पुराने टैंको को किसी और काम के लिए यूज़ करना, उनको तोड़ने से अधिक अच्छा है ...Next
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