मुम्बई से न्यूयॉर्क के लिये रवाना पैन ऍम-73 को कराची में चार आतंकवादियों द्वारा हाईजैक करने के घटनाक्रम पर बनी फिल्म ‘नीरजा’, इन दिनों सभी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. एक सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म को सच्चाई से काफी मेल खाती कहानी बताया जा रहा है. देखा जाए तो, भारत में पैन ऍम-73 प्लेन को हाईजैक करने की ये कोई पहली घटना नहीं थी बल्कि इससे पहले भी भारतीय विमानों को 8 बार हाईजैक किया जा चुका है. लेकिन अधिकतर लोग केवल कंधार प्लेन हाईजैक के बारे में ही जानते हैं. आइए हम आपको बताते हैं भारतीय प्लेन हाईजैक की आठ कहानियां.
जनवरी 1971 : श्रीनगर से जम्मू जा रहे भारतीय विमान को हाशिम कुरैशी और अशरफ कुरैशी (जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट दल) ने हाईजैक किया था. ये दोनों इस प्लेन को हाईजैक करके पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के पास ले गए थे. ऐसा कहा जाता है कि पब्लिसिटी के लिए भुट्टो ने इस घटना को सुर्खियों में रखा. हांलाकि उन्होनें इन दोनों हाईजैकर्स को सभी यात्रियों को सुरक्षित छोड़ने का निर्देश भी दिया था. जिन्हें अमृतसर जाने वाले सड़कमार्ग पर छोड़कर, एयरक्राफ्ट में आग लगा दी गई.
सितम्बर 1981 : श्रीनगर से दिल्ली जा रहे एक भारतीय विमान को कुछ सिख आंतकवादियों ने, लाहौर में प्लेन को हाईजैक कर लिया था. इस विमान के सभी यात्रियों को पाकिस्तान कमांडो ने बचाया था.
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अगस्त 1982 : मुम्बई से नई दिल्ली के लिए रवाना होने वाले बोइंग 737 प्लेन को एक अकेले आंतकवादी ने एक पिस्तौल के दम पर हाईजैक कर लिया था. लेकिन भारतीय सेना ने सभी 69 यात्रियों को बचाते हुए आंतकवादियों को मार गिराया.
अगस्त 1982 : जोधपुर से दिल्ली जा रहे एक भारतीय विमान को अमृतसर में हाईजैक कर लिया गया.
जुलाई 1984 : 255 यात्रियों को श्रीनगर से दिल्ली ले जा रहे एक भारतीय विमान को लाहौर, पाकिस्तान में हाईजैक कर लिया गया. लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते 17 घंटे में आंतकियों ने सरेंडर कर दिया.
अगस्त 1984 : सात युवा हाईजैकर्स ने एक भारतीय विमान की मांग करते हुए, इसके एवज में एक घरेलू विमान को हाइजैक कर लिया था. इस प्लेन को चंड़ीगढ़ से श्रीनगर जाना था, लेकिन आंतकियों ने प्लेन को कराची, लाहौर और दुबंई घुमाया. अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए दुंबई के रक्षा मंंत्रालय ने आंतकियों के साथ बातचीत करके, यात्रियों को मुक्त करने को कहा. अंत में इस प्लेन को छुड़वा लिया गया. इस हाईजैक के बारे में कहा जाता है कि इस घटना में जर्मनी के बने हुए कारतूस और हथियार पाए गए थे जिनका सम्बध पाकिस्तान से भी था. लेकिन हमेशा कि तरह पाकिस्तान ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया.
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अप्रैल 1993 : श्रीनगर से जम्मू होते हुए दिल्ली जा रहे इस प्लेन को हाईजैकर्स ने हाईजैक करके पाकिस्तान के लाहौर ले जाने का दबाव डाला था, लेकिन अधिकारियों ने इसकी अनुमति नहीं दी. हांलाकि प्लेन को अमृतसर में मुक्त करवाकर आंतकियों को मार गिराया गया.
दिसम्बर 1999 : भारतीय विमान 814, काठमांडू के लिए रवाना हो चुका था लेकिन इस विमान को कंधार मोड़ लिया गया. करीब एक हफ्ते की बहस के बाद, आंतकियों की मांग को मानते हुए भारतीय मंत्रालय ने 3 कश्मीरी आंतकियों को रिहा कर दिया. दुख की बात ये है कि इस विमान में एक यात्री को मार दिया गया. चेतावनी के रूप में एक पायलट को गोली मार दी गई थी…Next
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