‘तुम कुकिंग करना सीख लो बेटी वरना दूसरे घर जाकर क्या करोगी? सिलाई- कढ़ाई और लगे हाथ दूसरे घरेलू काम भी सीख ही लो. तुम में जितने गुण होंगे उतनी जल्दी तुम्हारा रिश्ता पक्का हो जाएगा’. ये बातें आपने भी कभी न कभी सुनी ही होगी और अगर आपका जन्म भारत देश में एक लड़की के रूप में हुआ है तो अब तक आप ये सब बातें सुनने की आदी हो चुकी होंगी. वाकई ऐसी बातों को सुनकर महसूस होता है कि मानों लड़कियों को एक अच्छा इंसान बनाने के लिए नहीं बल्कि एक अच्छी पत्नी या बहू बनाने के लिए ट्रेंड किया जाता है.
वहीं दूसरी ओर लड़कों की शादी के लिए कोई खास कंडीशन नहीं है या फिर ज्यादा से ज्यादा मोटी सैलेरी कमाना ही काफी माना जाता है. लेकिन दूसरी तरफ समाज के इस दोहरे मापदड़ों को चुनौती देने के लिए भीड़ में से कुछ ऐसे उदाहरण निकलकर हमारे सामने आते हैं जिसे देखकर लगता है कि समाज का कम से कम कोई वर्ग तो ऐसा है जो इन बातों की तरफ लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहा है. ऐसा ही विज्ञापन इन दिनों टी.वी पर खूब चल रहा है जिसमें शादी की दकियानूसी सोच पर प्रहार किया गया है. इस विज्ञापन की शुरुआत में एक लड़की आइने के सामने तैयार हो रही है. क्योंकि शादी के लिए उसे देखने के लिए लोग आ रहे हैं.
वो अपने विचारों में खोई ही होती है कि अचानक उसके पिता बड़े ही रोबीले अन्दाज में उससे कहते हैं ‘जल्दी करो, कहीं देर न हो जाए. वो लोग आ चुके हैं.’ ये सुनकर लड़की बडे भोले अन्दाज में पूछती है ‘पापा अब सिर्फ समोसे खिलाकर तो इतना बडा फैसला इतनी आसानी से तो नहीं कर सकती न!’ अपनी बेटी के मुंह से ये बात सुनकर लड़की के पिता बिना कुछ कहे बाहर चले जाते हैं. कुछ देर बाद लड़की को लड़का और उसके घर वाले पसंद कर लेते हैं. इतने लड़की के पिता लड़के से वो सवाल करने लगते हैं जो आमतौर पर लड़कियों से शादी के वक्त पूछे जाते है. लेकिन लड़का भी नई सोच वाला युवा होता है और लड़की के पिता को ऐसा जवाब देता है जिसे सुनकर वो खुश हो जाते है. दूसरी तरफ लड़की, लड़के के इस बोल्ड अन्दाज पर मुस्कुरा देती है.
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