जिस थाने में पिता मामूली पेंटर का काम किया करते थे उसी क्षेत्र में उनकी बेटी एसपी बनकर आई. पेंटर पिता ने अपनी बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की. साधारण तनख्वाह में भी बेटी को उच्च और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराया और अपनी बेटी के सपनों की खातिर जी-जान लगा दिया. अंत में बेटी की मेहनत रंग लाई. इस मेहनती, बहादुर और तेज-तर्रार महिला आईपीएस का नाम है संगीता कालिया. हाल ही में हरियाणा केफतेहाबाद में हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज और एसपी संगीता कालिया के बीच शराब के मुद्दे पर बहस हुई थी. इस मामले के बाद सभी लोग इस लेडी आईपीएस के बारे में जानना चाहते हैं.
फतेहाबाद को बदल दिया– संगीता फतेहाबाद में पिछले 9 महीने से भी अधिक समय से कार्यरत हैं. इस दौरान संगीता ने कई बेहत चुनौतीपूर्ण केस को निपटाएं हैं. फतेहाबाद में तैनाती के बाद से संगीता ने कोई भी बड़ा मामला बिना सुलझाए नहीं छोड़ा है. उनके काम करने के तरीके से पुरे जिले में उनकी एक अलग ही पहचान है. प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ वे सामाजिक कार्यों में भी रूचि रखती हैं.
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धरमपाल फतेहाबाद में पुलिस स्टेशन की दीवारों की पेंटिग किया करते थे.
तीसरे प्रयास में मिली सफलता- संगीता ने सबसे पहले 2005 में सिविल सर्विसेज का एग्जाम दिया, परन्तु सफलता नहीं मिली. दूसरे प्रयास में उन्हें भारतीय रेल सेवा में नौकरी मिली पर संगीता को आईपीएस बनने का जुनून सवार था, इसलिए उन्होंने रेल की सर्विस ज्वॉइन नहीं की. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और तीसरे मौके में वे भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयनित हो गईं. संगीता अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पिता को देती हैं. वे कहती हैं कि यदि उनके पिता इतने मेहनती नहीं होते तो आज वह आईपीएस नहीं होती.
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9 महीनें की चुनौतियाँ- संगीता को पहली बड़ी चुनौती फतेहाबाद के गांव ढिंगसरा में 25 लाख की डकैती के केस से मिली. इस केस को उन्होंने कम समय में सुलझाया और आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा. इतना ही नहीं भारत और पिंकी मर्डर में फरार मोस्ट वांटेड अपराधियों को संगीता ने धर दबोचा. साथ ही इस क्षेत्र में लंबे वक्त से पशु चोरों के आतंक को उन्होंने जड़ से खत्म कर दिया.Next…
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