उस झील के निर्माण के बारे में कोई नहीं जानता. कोई नहीं जानता कि कैसे रोगिस्तान के मध्य एक झील अस्तित्व में आ गयी. वो भी तब, जब वह देश सूखे की स्थिति से जूझ रहा था. यह रेगिस्तान नजदीकी शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर था. कुछ दिनों पहले तक वहाँ देखने पर रेगिस्तान ही नजर आता था. उत्तरी अफ्रीका में रेगिस्तानी इलाके ‘ट्यूनिशिया’ में झील! सुनकर थोड़ा अटपटा लग सकता है पर यह सौ फीसदी सच्ची खबर है और स्थानीय लोगों ने इसे ‘गाफ्सा बीच’ का नाम दिया है. ऐसा भी नहीं है कि दुनिया के मानचित्र पर रेगिस्तान में बीच रखने वाले किसी अनोखी जगह के रूप में यह दर्ज हो बल्कि हैरानी की बात यह है कि इस मरुस्थल में यह बीच एकदम से सबके सबके आई. इससे पहले इस जगह पर इसका कोई नाम-ओ-निशान नहीं था.
रेगिस्तान के मध्य झील की खबर जंगल में लगी आग की तरह फैलती गयी. धीरे-धीरे लोगों ने उसका नाम Lac de Gafsa रख दिया. अब यह गाफ्सा बीच के नाम से जानी जाने लगी. दरअसल वर्ष 2014 के अगस्त में अस्तित्व में आई इस झील के विषय में यह अंदाजा लगाया जाता है कि इसका निर्माण भूकम्प से हुआ होगा जिससे लाखों क्युबिक मीटर पानी सतह पर आ गयी हो. एक हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली यह झील 10 से 18 मीटर गहरी है.
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फॉस्फेट अधिक मात्रा में होने के कारण इस झील में तैराकी चुनौतीपूर्ण है. अस्तित्व में आने के बाद इस झील का नीलापन बदलकर हरा हो गया. अल्गी के उगने के कारण उस झील में जीवाणुओं से मुक्त न होने की आशंका जतायी जाती रही है.
शुरूआत में गाफ्सा के पब्लिक सेफ्टी ऑफिस ने स्थानीय लोगों को उस झील में तैराकी के खतरों से आगाह किया. हालांकि, कई लोग मरूस्थलीय गर्मी से निजात पाने के लिये इस रहस्यमयी झील में गोते लगाते रहते हैं.Next…..
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