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देश की इस पहली महिला का कागज के प्लेन से लड़ाकू विमान तक का सफर

लेकिन क्या आप जानते हैं इस बार की परेड़ में चौकाने वाला एक पहलू और भी था. जी हां, हम बात कर रहे हैं राजस्थान की बेटी और फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्नेहा शेखावत के बारे में. यह पहली बार था कि कोई महिला अफसर राजपथ पर एयरफोर्स की टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थी. उन्होंने 144 वायुसेना कर्मियों के दल का नेतृत्व करते हुए ‘एयर बैटल’ धुन पर मार्च पास्ट किया था.

sneha shekhawat

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राजस्थान के सीकर की स्नेहा बचपन में कागज के प्लेन उड़ाने और खिलौने के मशीन गन चलाने की शौकीन थीं. इनके सपनों की उड़ान इतनी मजबूत थी कि बचपन में ही सोच लिया था कि मुझे आसमान में उड़ना है. इन्होंने सबसे ताकतवर विमान ‘ओवारा’ को भी उड़ाया हैं. जिसकी गिनती अमेरिका के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में होती है. यही नहीं उनके नाम और भी बहुत से रिकॉड दर्ज हैं. लेफ्टिनेंट स्नेहा को हैदराबाद ट्रेनिंग सेंटर में बेस्ट लेडी पायलट के अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका हैं, इसके अलावा उन्हें साल 2011 में रिपब्लिक डे परेड में भी सैकंड कमांडर रह चुकी हैं. स्नेहा के नाम 2012 की रिपब्लिक डे परेड में एयरफोर्स का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अफसर के रूप में जाना जाता है.


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फ्लाइट लेफ्टिनेंट से हुई..Next


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