आधुनिक और अनियमित जीवन-शैली के कारण इंसान को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इन बीमारियों में से एक है “दिल का दौरा”. आमतौर पर यह माना जाता है कि 40-50 की उम्र के बाद ही दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन आज 20-25 की उम्र में भी यह बीमारी देखने को मिल रही है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल हिन्दुस्तान में ही दिल से जुड़े रोगियों की संख्या 45 लाख है. इसी रफ्तार से यह आकड़ा बढ़ता रहा तो अनुमान है कि भारत जल्द ही विश्व में सबसे अधिक हृदय रोग के मरीजों वाला देश बन जाएगा. इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि दिल के दौरे ने कई बड़े राजनेताओं के प्राण हर लिए हैं. जानिए हिन्दुस्तान के कौन-कौन से नेताओं और शख्सियतों को दिल का दौरा पड़ा और वह हमेशा के लिए हम से दूर हो गए.
नहीं पाएं और 27 मई 1964 को प्रधानमंत्री आवास “तीन मूर्ति भवन” में उनका निधन हो गया.
उनके परिजन समय-समय पर उनकी मौत पर सवाल उठाते रहे हैं. कुछ का मानना है कि शास्त्री जी की मृत्यु जहर देने से हुई है. शास्त्रीजीको उनकी साफ सुथरी छवि के कारण 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया था.
Read:वैश्विक नेताओं की चर्चित तस्वीरें, किसी के चुंबन तो किसी के आलिंगन पर हुआ हो-हो
एपीजे अब्दुल कलाम- देश के पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम का निधन भी दिल के दौरे से हुआ. 83 वर्ष केअब्दुल कलाम अपनी शानदार वाक कला के लिए मशहूर थे और संयोग देखिए एक लेक्चर के दौरान ही काल ने उन्हें अपना ग्रास बना लिया. आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़े और उनकी मृत्यु हो गई.
Read:ये हैं इन नेताओं की खूबसूरत पत्नियाँ
बाल ठाकरे- हिन्दुस्तानऔर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध राजनेता एवं शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ. महाराष्ट्र की राजनीति परबाल ठाकरे की मजबूत पकड़ थी. उन्होंने अपना कॅरियर एक कार्टूनिस्ट के रूप में शुरू किया था. बाद में उन्होंने मराठी में ‘सामना’ नाम से एक अखबार भी निकाला. बाल ठाकरे अपने उत्तेजित करने वाले बयानोंं के लिये जाने जाते थे. इस कारण उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज थे.
पीवी नरसिंह राव- भारत केनौवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले पामुलापति वेंकट नरसिंह राव का निधन हार्ट अटैक से हुआ. ‘लाइसेंस राज’ की समाप्ति और भारतीय अर्थव्यवस्था में खुलापन इनके काल से ही आरम्भ हुआ. नरसिंह राव आन्ध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे.
सुनील दत्त-पूर्व केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री और मशहूर फिल्म अभिनेता सुनील दत्त का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ. सुनील दत्त मुंबई से पाँच बार कांग्रेस के सांसद रह चुके थे. फिल्मी प्रशंसकसुनील दत्त को “दत्त साहब” के नाम से जानते थे.
भजनलाल– ग्राम पंचायत के मंच से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे भजनलाल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ था. राजनीति के चाणक्य रहे भजनलाल ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के नाम से अपनी पार्टी बनाई. भजनलाल का जन्म छह अक्टूबर 1930 को पंजाब के बहावलपुर (अब पाकिस्तान में) जिले में कोरनवली कस्बे में विश्नोई परिवार में हुआ था.Next…
Read more:
Read Comments