चंद्रकुमार रोजी-रोटी कमाने के लिए कोयंबटूर की सड़को पर ऑटो चलाते हैं लेकिन उन्हें असली खुशी तब मिलती है जब उनके हाथों में कलम होती है. जब कभी चंद्रकुमार को ट्रैफिक जाम या सवारी का इंतजार करते हुइ समय मिलता है वे अपने अनुभव और ख्यालों को किताब की शक्ल देने में जुट जाते हैं. जल्द ही ऑटो चलाने वाला यह लेखक वेनिस फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बनेगा. चंद्रकुमार को उनकी पहली उपन्यास पर अधारित फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए वेनिस फिल्म फेस्टिवल में आमंत्रित किया गया है.
दसवीं क्लास तक पढ़े, 51 साल के चंद्रकुमार, ऑटो चंद्रन के नाम से मशहूर हैं. उन्हें हमेशा से लिखना और अपने विचार अभिव्यक्त करना पसंद था. बचपन में चंद्रन घर से भाग गए थे और जिंदगी उन्हें जहां लेकर गई चलते गए. रोजी-रोटी के रुप में जो भी छोटा-मोटा काम मिला, किया लेकिन लिखने के अपने जुनून को कभी मरने नहीं दिया.
Read: दिन का ऑटो चालक रात का रॉकस्टार…. म्यूजिक का ऐसा जुनून नहीं देखा होगा आपने
उनकी पहली उपन्यास “लॉक अप” 2006 में प्रकाशित हुई जिसने फिल्म निर्देशक वेत्रीमारन को उसपर अधारित तमिल फिल्म “विसारानाई” बनाने के लिए प्रेरित किया. यह फिल्म 72वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित की जाएगी. 2006 में उनकी किताब को मानवाधिकार संस्था द्वारा ‘मानवाधिकार पर सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज’ का अवार्ड दिया गया.
जिंदगी के शुरुआती दिनों में चंद्रन को पुलिसिया अत्याचार सहना पड़ा था. चंद्रन के अनुसार आंध्र प्रदेश की गुंटूर जिले की पुलिस ने उन्हें और उनके दो दोस्तों को बिना किसी अपराध के गिरफ्तार कर लिया और 13 दिनों तक उन्हें बूरी तरह पीटा और टॉर्चर किया. जिंदगी को अपना शिक्षक मानने वाले चंद्रन के लिए यह बुरा अनुभव उनके पहले उपन्यास की विषयवस्तु बनी.
Read: पांच किताबों का ये लेखक सिलता है दूसरों के जूते
उनके इस उपन्यास को पढ़ने के बाद फिल्म उद्योग में काम करने वाले उनके एक करीबी मित्र ने इसके बारे में वेत्रीमारन को बताया. इस अनोखी कहानी से प्रभावित वेत्रीमारन फौरन ही इस पर फिल्म बनाने के लिए राजी हो गए. उन्होंने चंद्रन को इसका श्रेय देने का वादा किया. वेत्रीमारन ने न सिर्फ अपना यह वादा पूरा किया बल्कि चंद्रन को इस सम्मानित फिल्म महोत्सव में भी आमंत्रित किया.
यह फिल्म एक प्रयोगात्मक तमिल थ्रिलर है जो कि अभी देश में रिलीज नहीं हुई है. इसके निर्माता फिल्म अभिनेता धनुष हैं. चंद्रन ने अबतक 6 किताबें लिखी हैं जिसमें ‘बूमियाई कोलाईकलम आकुम अमेरिका’ और ‘कोवाई जीवा’ शामिल हैं. Next…
Read more:
Read Comments