इस देश में हुनर की कोई कमी नहीं है. अपने हौसले और हुनर की बदौलत इस देश के युवाओं ने कई बार साबित किया है कि भले ही मदद या संसाधन न मिले लेकिन अपने संघर्ष से नई इबादत लिखकर जरूर जाएंगे. इसी कड़ी में आज एक आठवीं पास लड़के की कहानी जानेंगे जिसने बिना किसी मदद के पानी में बाइक दौड़ाने का करिश्मा कर दिखाया. इस प्रतिभावान ने गरीबी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दिया था.
रखा है . इस पर एक साथ छह लोग बैठकर सवारी कर सकते है.
Read:अब भारतीय सड़कों पर दौड़ेगी एशिया की पहली एंबुलेंस बाइक
पैसे की तंगी ने मनोज को मेकैनिक बना दिया था. इसी वजह से मनोज निषाद ने मात्र आठवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की. मनोज के इस नए प्रयोग के पीछे एक दिलचस्प कहानी है. एक बार मनोज काम के सिलसिले में चन्नई गया था. एक दिन वो समुद्र के किनारे घूमने गए और वहां पानी में इंजन से चलने वाली बोट देखी. मोटरबोट विदेशी थी. उसी दिन मनोज ने खुद एक मोटरबोट बनाने का विचार किया और गाँव आ गया.
गाँव में मोटरबोट बनाने के लिए उन्होंने 6 हजार में एक बाइक खरीदी. मोटरबोट बनाने के लिए उन्होंने कुछ नट बोल्ट, लोहे की रॉड, बांस के डंडे, टीन के चार ड्रम और चार बड़ी चेन का इंतजाम किया.
Read:अनोखा आविष्कार: अब इसके बिना आपकी बाइक नहीं होगी चालू
उन्होंने बताया कि चेन्नई में काम करने के दौरान कंपनी के सुपरवाइजर उन्हें क्याबा कहकर पुकारते थे. इसलिए उन्होंने अपने इस इनवेंशन का नाम क्याबा रखा. प्रत्येक साल आने वाली बाढ़ को देखते हुए उन्होंने ये खास बाइक बोट बनाई है. वो आने वाले दिनों में इससे भी अच्छी तकनीक वाली वॉटर बाइक बनाना चाहते हैं.Next…
Read more:
Read Comments