तेल से होने वाली अकूत आमदनी से जगमगाते दुबई में भव्यता कदम-कदम पर दिखती है. यहां के बच्चे स्कूल जाने के लिए ऐसी आलीशान कारों का इस्तेमाल करते हैं जिसे देख आंखे चौंधिया जाए. ऐसे में दुबई की पुलिस कहां पीछे रहने वाली है. दुबई पुलिस के कारों का नया काफिला इतना भव्य है कि ये कारें जहां से गुजरती हैं लोग खड़े होकर इनकी तस्वीरें उतारने लगते हैं. कुछ लोग तो पुलिसकर्मियों से गुजारिश करने लगते हैं कि उन्हें किसी भी जुर्म में गिरफ्तार कर लिया जाए ताकि उन्हें एक बार इन सुपरफास्ट कारों में बैठने का मौका मिल सके.
इस काफिले में जो सबसे नई कार शामिल की गई है वह है मैक लारेन एमपी4-12C. इसकी कीमत है 280,000 यूएस डॉलर यानी 1 करोड़ 85 लाख रुपए. इससे पहले इस काफिले में लेम्बोर्गिनी, एस्टन मार्टिन, बेंटले, फरारी और शेवरले शामिल हैं. ये सब कारें बड़ी आसानी से 190 मील प्रति घंटे की रफ्तार को पार कर सकती हैं. आप समझ सकते हैं 305 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकने वाली कारों को पछाड़ पाना नामुमकिन है.
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यहां सड़क दुर्घटना बेहद आम है. हर 26 घंटे में यहां एक व्यक्ति की मृत्यु सड़क दुर्घटना की वजह से होती है. ज्यादातर मौतें तेज रफ्तार गाड़ियों की वजह से होती है. ऐसे में दुबई पुलिस ने सरकार से मांग की थी की शहर की सड़कों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन सुपरकारों की व्यवस्था की जाए.
हालांकि पुलिस अधिकारियों को इस काफिले में शामिल कारों को चलाने से पहले ड्राइविंग कोर्स करना आवश्यक है. पुलिस अधिकारी मरियम अहमद के पास अपनी व्यक्तिगत टोयटा लैंड क्रूजर कार है. पुलिस के काफिले से उन्हें पेट्रोलिंग के लिए फरारी एफएफ मिली हुई है. अपने अनुभव के बारे में मरियम बताती हैं कि, “मैंने पहली बार कोई स्पोर्ट कार चलाई. जब मुझे इसके लिए चुना गया तो मुझे विश्वास नहीं हुआ. अब मैं जब ड्यूटी पर नहीं रहती हूं तो इस कार की कमी महसूस करती हूं. मेरी लैंड क्रूजर इसके सामने कहीं नहीं टिकती.”
दुबई की सरकार ने पुलिसकर्मियों को ये सुपरकार तो दे दी हैं लेकिन पुलिसकर्मियों की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि वे खुद स्पीड लिमिट को क्रॉस नहीं कर सकते. कम से कम पुलिस से कानून व्यवस्था की अवहेलना करने की उम्मीद नहीं की जा सकती. Next…
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