हिन्दुस्तान का हर नागरिक देश भर में कही भी आने-जाने, खाने-पीने और ठहरने के लिए आजाद है. नागरिकों की इस आजादी को भारतीय संविधान में भी उल्लेख किया गया है. लेकिन हम भारतीयों को ज्यादा दुख तब होता है जब अपने ही लोगों से अपने ही देश में तिरस्कार का सामना करना पड़ता है. हिमाचल के कसोल में स्थित कैफे में भारतीयों की एंट्री बैन यानी प्रवेश निषेध पर सोशल मीडिया में खूब निंदा हुई. लेकिन भारत में ऐसे कई स्थान और होटल हैं जहाँ भारतीय लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
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बैंगलोर स्थित Uno-In Hotel- यह होटल जापानियों के लिए तैयार किया गया है. इसे 2012 में निपोन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मिलकर तैयार किया गया था. होटल बनाने का उद्देश्य यह था कि जापानी लोगों को उनकी पसंद का भोजन मुहैया कराया जा सके. हालाँकि इसे साल 2014 में ग्रेटर बैंगलोर सिटी कॉरपोरेशन ने बंद करवा दिया.
गोवा बीच: जानकर आश्चर्य होगा कि गोवा के कुछ खास बीचों पर भारतीयों के जाने पर बैन लगाया गया है. प्रतिबंधित बीच पर बनें झोपड़ियों के मालिक का कहना है कि भारतीय लोगों विदेशियों के कपड़ों से परेशानी हो सकती है. ऐसे में इन जगहों पर जाने से उन्हें रोका जाता है.
कसोल (हिमाचल) कैफे- यह पूरा मामला सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचा. कसोल (हिमाचल) के इस कैफे में भारतीयों के लिए प्रवेश निषेध है. यहाँ केवल विदेशी लोग ही आ सकते हैं. आरोप है कि कसोल हाइवे पर बना इस रेस्टोरेंट के कर्मचारी भारतीयों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करते हैं और होटल में जाने से रोकते हैं.
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चेन्नई में त्रिपलीकेन का एक होटल केवल उन लोगों को अपने यहां ठहरने की अनुमति देता है जिनके पास विदेशी पासपोर्ट हो. यह होटल हाई प्रोफाइल माना जाता है. लेकिन यहां भारतीयों को एंट्री नहीं दी जाती है.
भारतीयों के साथ अपने लोगों द्वारा ऐसी दूषित मानसिकता रखना हैरान करने वाली बात है. इन पुरे मामलों पर प्रशासनिक पहल की जानी चाहिए, ताकि अपने देश में लोग उपेक्षित महसूस न कर सकें.Next…
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