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सिर्फ एक सपने की खातिर बकरियों के बीच सात दिन रहा बकरी बनकर

आपको एक किताब लिखनी है लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि किताब का विषय क्या हो. जब भी ऐसी परिस्थिति आती है तो अपने अनुभव के आधार पर किताब लिखना सबसे सरल रहता है. लेकिन तब क्या होगा जब आपके अनुभव ऐसे नहीं हैं जो एक किताब की शक्ल ले सकें. आखिर किताब कोई अपने लिए तो लिखता नहीं है. किताब लिखी है तो किताब बिकनी भी चाहिए और किताब बिके, उसके लिए उसमें कुछ ऐसा होना चाहिए जो बिलकुल अनोखा हो. फिर इसके लिए अगर कुछ दिन आपको बकरी की तरह जीवन बिताना पड़े तो क्या हर्ज है.


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ऐसा ही कुछ किया है इंग्लैंड के थॉमस थ्वैट्स ने. थॉमस एक कंसेप्चुअल डिजाइनर हैं जो इस बात में दिलचस्पी रखते हैं कि इंसान तकनीक का प्रयोग अपने सपने पूरे करने में कैसे कर सकता है. थॉमस का सपना था बकरी की तरह जिंदगी जीने की. सितंबर 2014 में इस सपने को पूरा करने के लिए वे स्विट्जरलैंड के एल्प पहाड़ियों पर चले गए, जहां उन्होंंने पूरे 7 दिन, बकरियों के साथ, बकरी बनकर बिताए. और अब वे अपने इस अनोखे अनुभव पर किताब लिखने की तैयारी कर रहे हैं.


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थॉमस के लिए बकरी बनना इतना भी आसान नहीं था. इसके लिए उन्होंने नकली हाथ-पांव डिजाइन किए जिसके सहारे वे चारों टांगों पर चल सकें. यहां तक की उन्होंने नकली पेट भी लगवाया ताकी वे बकरी की भांति घास चर सकें.


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थॉमस कहते हैं कि उन्हें लगता था कि बकरी की जिंदगी बेहद मजेदार और किसी भी फिक्र से दूर रहती होगी लेकिन जो उन्होंने अनुभव किया वह इससे अलग था. थॉमस ने जिस कठिनाई को सबसे अधिक महसूस किया वह था बकरियों के झुंड से घुलना-मिलना.


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फिलहाल थॉमस अपनी किताब पर तेजी से काम कर रहे हैं जिसका शीर्षक है, ‘गोटमैन- हाउ आई टुक अ होलीडे फ्रॉम बीइंग ह्यूमन.’ Next…


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