जिंदगी एक अनजानी पहेली की तरह होती है, इसके अगले मोड़ पर आपके साथ क्या हो, कुछ कहा नहीं जा सकता. भारतीय हिंदी फिल्मों में हमने बहुत बार ऐसी कहानी देखी है, जिसमें बचपन के दो दोस्त बड़े होकर अलग-अलग रास्ते अपना लेते हैं, उनमें एक चोर तो दूसरा सिपाही बन जाता है, लेकिन कैसा लगेगा! अगर यही कहानी हकीकत का रूप धारण कर लें. कुछ ऐसा ही नजारा फ्लोरिडा की एक अदालत में भी देखने को मिला.
फ्लोरिडा की एक अदालत में एक व्यक्ति को चोरी और कार से दो हादसे करने के आरोप में पकड़कर लाया गया. आरोपी का नाम आर्थर बूथ था. आर्थर को जब जज मिंडी ग्लेजर के समक्ष पेश किया गया तो वह (जज) हैरान रह गई. एक चोर को देखकर हैरान होने वाली कोई बड़ी बात नहीं थी, मगर अपने बचपन के दोस्त को चोर के रूप में अपने सामने हाथ बांधे खड़ा देखना, जज मिंडी ग्लेजर के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं थी. आरोपी आर्थर बूथ को अपने सामने देखकर जज मिंडी ग्लेजर को उसका चेहरा जाना-पहचाना सा लगा और वह उसे पहचानने की कोशिश करते हुए बोली, “ मैनें तुम्हें कहीं देखा है. पहचाना तुमने! हम दोनों स्कूल में एक साथ पढ़ते और फुटबॉल खेलते थे. मैं हमेशा सोचा करती थी कि तुम कहां और कैसे होगे! तुम्हें आज यहां देखकर बहुत दुख हो रहा है.“
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जज की बातें सुनकर अदालत परिसर में सभी लोग हतप्रभ रह गए. किसी ने भी नहीं सोचा था कि एक मामूली से चोर और जज के बीच में दोस्ती जैसा रिश्ता या कोई भी रिश्ता हो सकता है, लेकिन जिंदगी तो एक अनकही पहेली है, अपने अगले पल में आपको क्या दिखाएगी, यह बात दुनिया का बड़े से बड़ा व्यक्ति भी नहीं बता सकता.
जज ने आरोपी को देखकर यह भी कहा कि “ये मिडिल स्कूल के सबसे अच्छे छात्र माने जाते थे. अब देखो क्या हो गया. मैं उम्मीद करती हूं कि अब तुम कानून का पालन करने वाले नागरिक के तौर पर जीवन जियोगे.”
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आर्थर को चोर के रूप में अपने समक्ष देखकर जितना हैरान जज मिंडी थी, उतना ही शर्मसार आर्थर था. अपनी बचपन की दोस्त को यूं यकायक सामने देखकर आर्थर के मुंह से निकल पड़ा…ओह माइ गुडनेस! लेकिन अगले ही पल उसे एहसास हो गया कि वह एक जज के सामने मुजरिम के तौर पर खड़ा है और बस उसी क्षण उसकी आंखों से अश्रु धारा बह चली और वह शर्म से सिर झुकाकर खड़ा रहा.
आर्थर की बहन ने कहा कि, आर्थर स्कूल के होनहार छात्रों में से एक था, लेकिन ड्रग्स की लत ने उसे बर्बाद कर दिया और अपराधी बना दिया. लेकिन इस घटना के बाद उम्मीद है कि वह सही रास्ते पर आ जाएगा. महिला जज ने कानूनी प्रक्रिया के तहत 44 हजार डॉलर की जमानत पर उसे रिहा कर दिया.
इस घटना ने दो बातें साबित की. पहला, जिंदगी में अगले पल क्या हो कुछ कहां नही जा सकता. आपका दोस्त, हमसफर या कोई भी परिचित बिछड़ने के बाद आपको कब और कहां, किस हालत में मिलेगा यह सिर्फ नियति तय करती है. दूसरा, जहां तक हो सके अपने कर्मों को सही दिशा दें, क्या पता आपके जीवन की एक छोटी सी गलती या बुरी लत न केवल आपके परिवार को बल्कि आपको भी दुनिया और आपके जीवन में महत्व रखने वाले लोगों के सामने शर्मसार कर दें.Next
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