हरियाणा के रोहतक से सूर्य दहिया ने अपनी शानों-शौकत भरी जिन्दगी को छोड़ भारतीय सेना में भर्ती होना बेहरत समझा.
हरियाणा के रोहतक निवासी सूर्य दहिया ने देश प्रेम का अनोखा उदाहरण समाज के सामने पेश किया है. सूर्य के पिता नरेश दहिया व दादा नफे सिंह भारतीय नौसेना में रह चुके हैं. उन्होंने दो-दो लड़ाईयां लड़ी है. चुकी दादा और पिता नौसेना में थे इसलिए सूर्य को घर में शुरू से ही देशभक्ति का माहौल मिला.
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अपनी पढ़ाई पूरी कर सूर्य ने कुछ दिनों तक मॉडलिंग किया फिर एमबीए कर विदेश में लाखों के पैकेज पर काम भी किया. लेकिन सूर्य के बचपन में देशभक्ति का बोया बिज अब अंकुरित हो रहा था. तब सूर्य ने सबकुछ छोड़ देश भक्ति में खुद को समर्पित कर दिया. रोहतक सेक्टर-तीन निवासी प्राध्यापिका सुनीता रानी के बेटे सूर्य दहिया ने सेना में अधिकारी बनकर परिजनों का नाम ही नहीं पुरे इलाके का नाम रोशन किया है. सूर्य भारतीय थल सेना में डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद स्पेशल कमीशंड ऑफिसर के तौर पर देश सेवा कर रहें है.
सूर्य के पिता नरेश दहिया बेटे की सफलता पर बेहद खुश हैं. उन्होंने बेटे के बारे में बताया कि विदेश की नौकरी छोड़कर सूर्य ने भारतीय सेना में शामिल होने का लक्ष्य चुना. सूर्य ने ट्रेनिंग के दौरान भी सबसे अव्वल रहा है. ट्रेनिंग में हर बैच से तीन कैडेट्स को विदेश ले जाया जाता है. सूर्य को इन कैडेट्स में शामिल होकर इंडोनेशिया जाने का मौका मिला. सूर्य को 122 इंजीनियर्स आरईजीटी भठिंडा में पोस्टिंग मिली है.
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सूर्य अपने गांव के 1971 की जंग में परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह को अपना आदर्श मानता है. सूर्य की प्रारंभिक शिक्षा आईबी स्कूल रोहतक में हुई है. इसके बाद सूर्य ने बहादुरगढ़ के पीडीएम कॉलेज से बीटेक और दिल्ली के फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की. पढ़ाई के दौरान सूर्य को मॉडलिंग के क्षेत्र में भी जाने का मौका मिला. एमबीए पूरा करते ही फ्रांस की नामी कंपनी में अच्छे पैकेज मिला और वहां चले गए.Next…
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