दुनियाभर में ऐसे कई कुप्रथाएं है जो प्रगतिशील समाज के लिए बाधक बनी हुई है. सबसे ज्यादा तकलीफ तब होती है जब इन प्रथाओं की आड़ में शारीरिक पीड़ा दी जाती है. कई बार कुछ प्रथा केवल महिलाओं के लिए ईजाद कर दी जाती है, परन्तु सच तो यह है कि इन प्रथाओं में किसी कुविचार की बू आती है. धीमे स्वर में ही सही, परन्तु इन महिलाओं के हृदय के किसी कोने से जरूर यह आवाज आती होगी कि- ‘आखिर ये तमाम तरह की प्रधाएं हम महिलाओं के लिए ही क्यों है’? आज चीन के एक ऐसी प्रथा की बात करेंगे जिसमें महिला के अंग को विकृत बना दिया जाता है.
लोटस फीट एक प्रकार की प्रथा है जिसमें महिलाओं को असहनीय पीड़ा से गुजरना पड़ता है. चीन के लोटस फीट प्रथा को लोग क्रूर कहते हैं क्योंकि इस प्रथा में महिलाओं के पैर को कसकर क्रूरता से बांध दिया जाता है. हालांकि इस बेहद पुरानी परंपरा पर बैन लगा दिया गया है. लेकिन अब भी कई महिलाएं ‘लोटस फीट’ के साथ दिखाई देती हैं. माना जाता है कि लोटस फीट परंपरा को मानने वाले ये आखिरी पीढ़ी है.
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तस्वीर में देखिए किस तरह इस प्रथा ने महिलाओं के पैर को विकृत बना दिया गया है. हम जिसे विकृत पैर कह रहे हैं उसे ये लोग ‘खूबसूरती का प्रतीक’ मानते थे. तब समाज के धनी लोग यह मानते थे कि महिलाओं के पैर छोटे होने चाहिए क्योंकि उन्हें घर में रहना पड़ता है. चीन में करीब 103 साल पहले इस क्रूर प्रथा पर रोक लगा दी गई थी.
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इस लेख के साथ लगे चित्र को आप देख कर अंदाजा लगा सकते हैं कि लोटस फीट कितनी क्रूर प्रथा थी. चित्र में दिख रही महिला की उम्र 80 साल से अधिक है. महिला शांडॉन्ग प्रांत की रहने वाली है. इस महिला को एक जमाने में अपने गांव की सबसे खूबसूरत औरत होने का दर्जा मिला था. लेकिन यह महिला कुछ साल बाद अपने साथ हुए कुप्रथा के कारण अब अपने पैरों पर अपने शरीर का वजन भी ठीक से नहीं उठा पाती. यह महिला चलने-फिरने में अब पूरी तरह से असमर्थ है. सुजी रॉन्ग नाम की इस महिला ने बताया कि उस समय यदि अपने पैरों की बाइंडिंग नहीं कराती तो उसकी शादी नहीं होती. Next…
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