जन्म से पहले और मृत्यु के बाद हम अपने अस्तित्व की कल्पना करते हैं और कल्पना करते-करते किसी विचारों के भवर में डूब जाते हैं. हमारे मन में पूर्व जन्म के सगे-संबंधी को लेकर कई तरह के विचार आते रहते हैं. हालांकि इस विषय पर वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत हो सकते हैं परन्तु हमारे शास्त्रों में इस गुत्थी को निम्नलिखित 4 तरीकों से सुलझाया गया है. शास्त्रों में कहा गया है कि पूर्व जन्म के कर्मों से ही हमें इस जन्म में रिश्ते मिलते हैं.
1.ऋणानुबंध– ऋणानुबंध में कहा गया है कि यदि पूर्व जन्म में कोई इंसान जिससे आपने ऋण या उधार लिया हो या उसका किसी भी प्रकार से आपने धन बर्बाद किया हो, तो वह आपके घर में संतान के रूप में जन्म लेगा और आपकी संपत्ति को बीमारियों या व्यर्थ के कामों में तब तक नष्ट करता रहेगा, जब तक कि उसका हिसाब पूरा न हो.
Read: इस शादी में रिश्तेदार हैं, बाराती हैं, दुल्हन है लेकिन दुल्हा अजीब है
किसी को कष्ट पहुंचाया है तो वह इस जन्म में अपनी दुश्मनी का बदला लेने के लिए आपके घर में संतान बनकर आएगा. एक संतान के रूप में वह अपने माता-पिता से मारपीट, झगड़ा या उन्हें सारी जिंदगी किसी भी तरह से सताता रहेगा. माता-पिता की बेइज्जती कर खुश होगा.
4. सेवक पुत्र– पूर्व जन्म में यदि आपने दुःख की घड़ी में किसी की सेवा की है तो वह इंसान अपना यह कर्ज चुकाने के लिए, आपका पुत्र बनकर आएगा. यदि आपने किसी गाय की निःस्वार्थ भाव से सेवा की है तो वह आपकी पुत्री बनकर आ सकती है.
Read:एक अविश्वसनीय सच, मिलिए गर्भ धारण कर बच्चा पैदा करने वाले दुनिया के पहले पुरुष से
4.उदासीन पुत्र– यदि कोई इंसान पूर्व जन्म में अपने माता-पिता या अन्य रिश्तों के प्रति उदासीन है, तो अगले जन्म में उनके बच्चें उनकी सेवा नहीं करेंगे और न ही कोई सुख मिलेगा. उनको खुद के हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा.
इसके आलावाशास्त्रों में यह भी कहा गया है कि यदि आपने किसी गाय को अपने हित के लिए पाला और जब वह दूध देना बंद कर दे तो उसे घर से निकाल दिया, तो ऐसे में वह गाय ऋणानुबंध पुत्र या पुत्री बनकर जन्म लेगी. यदि आपने किसी निर्दोष जीव को सताया है तो वह आपके जीवन में शत्रु बनकर आएगा और आपको हानि पंहुचा सकता है.Next…
Read more:
Read Comments