क्या हो, अगर चिकित्सा के क्षेत्र में पेशेवर बनने की तैयारी कर रहे प्रशिक्षु अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दें? एक-दो महीने में पूर्ण रूप से चिकित्सक बनने जा रहे प्रशिक्षु ऐसी गलती कर बैठें जिसकी सज़ा के रूप में उन्हें उनके उम्मीदों से एक वर्ष के लिये दूर होना पड़े!
एक अस्पताल के नौ प्रशिक्षुओं ने चिकित्सक बनने से पूर्व उन लम्हों को यादगार बनाने के लिये अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी. उनके पाठ्यक्रम के तहत यह उनकी अंतिम शिफ्ट थी जिसके बाद उन्हें चिकित्सक बनने की आधिकारिक मान्यता मिल जाती. नौ प्रशिक्षुओं ने इन लम्हों को यादगार बनाने की योजना बनायी. अपनी योजना के मुताबिक उन्हें एक साथ शराब पीने की पार्टी का आयोजन करना था.
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इस योजना की ख़ुमारी उनके ऊपर इतनी हावी हो गयी कि उनके अंतिम शिफ़्ट होने की बात गौण हो गई. ड्यूटी पर शराब पीने की योजना बनाने वाले सभी प्रशिक्षुओं में से एक ने वहाँ पड़ी एक लाश को खिसकाया. वो उसे खिसकाता हुआ दूसरे कमरे में ले गया. उसी कमरे में अन्य साथी प्रशिक्षु जमा हुए. सबने पार्टी के लिये जुटाये गये सामानों को खोलना शुरू किया. उनमें से किसी ने उस मुर्दे के हाथ में शराब भरी गिलास थमा दी. इस तरह ड्यूटी के समय उन्होंने अपना समय लापरवाही से पार्टी मनाने में गँवा बिता दिया.
हालांकि, इस मामले की भनक उरूग्वे के हॉस्पिटल दे क्लिनिकास के प्रशासनिक अधिकारियों को मिल गई. उन्होंने शव को स्थानांतरित करने वाले आरोपी प्रशिक्षु को पूर्ण रूप से जाँच होने तक निलंबित कर दिया. वहीं आठों प्रशिक्षुओं को एक महीने के लिये निलंबित किया गया. एक महीने के निलंबन की सज़ा झेल रहे इन प्रशिक्षुओं को अब चिकित्सक की उपाधि जुलाई में न मिलकर अगले वर्ष मिल पायेगी. इसके अलावा निलंबित हुए प्रशिक्षुओं की निगरानी की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों की भूमिका की भी जाँच की जा रही है.Next….
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