भारत में देवी-देवताओं को मानने वाले और इनकी पूजा-अर्चना करने वाले लोगों की कमी नहीं है. हमारे अपने देश में देवी के कई रूप हैं. जहाँ शक्ति के लिये दुर्गा की पूजा की जाती है वहीं धन के लिये लक्ष्मी की. जहाँ सरस्वती की आराधना ज्ञान की देवी के रूप में की जाती है, वहीं संतान और उसमें भी पुत्र की प्रप्ति के लिये छठी मैया की. ऐसे देश में जहाँ देवी के इतने स्वरूप पाये जाते हैं वहाँ चीन की देवी का जन्मदिन मनाने वाला शीर्षक पाठकों को अटपटा लग सकता है. लेकिन यह सच है!
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रांतर्गत गाज़ियाबाद में माँ क्वान यिन का जन्मदिन मनाया जाता है. माँ क्वान यिन को चीन में वही स्थान प्राप्त है जो देवी कात्यायनी को भारत में प्राप्त है. इनका मंदिर चीन के पोटोंशा द्वीप पर अवस्थित है. माँ क्वान यिन मानव-शरीर के सात चक्रों को संतुलित रखती है. माँ क्वान यिन को भारत में स्थान दिलाने की कोशिश में लगे स्वयं को डॉक्टर बताने वाले अशोक वासुदेव हैं. ये यहाँ भारत में माँ क्वान यिन का जन्मदिन मनाते हैं जिसे प्राकट्य उत्सव के नाम से मनाया जाता है. माँ क्वान यिन के जन्मदिन में शामिल होने वाले लोगों के लिये भंडारे का भी आयोजन किया जाता है.
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वासुदेव भारत से माँ क्वान यिन के भक्तों की अर्ज़ी ले जाकर पोटोंशा द्वीप स्थित उनके मंदिर में हर तीन माह पर लगा देते हैं. ये अर्ज़ी राजनीतिक, व्यवसायिक, चिकित्सीय आदि प्रकार की होती हैं जिसके लिये वो भक्तों से 1,00,000 रूपये प्रति अर्ज़ी लेते हैं. इसका 25 प्रतिशत हिस्सा चीन में उनके मंदिर में अर्पित कर दिया जाता है. अशोक का कहना है कि इस अर्ज़ी से भक्तों को तुरंत फायदा पहुँचता है.
अशोक बताते हैं कि, ‘चीन में माँ क्वान यिन की आराधना करने वाले लोग बीमार नहीं पड़ते. इसलिये चीन में चिकित्सकों के क्लिनिक नहीं होते.’ वर्ष 2008 से क्वान यिन का जन्मदिन मना रहे अशोक वसुदेव इस कार्यक्रम को प्रकटोत्सव का नाम देते हैं. लेकिन इसके तहत आयोजित भंडारे में वो चीन में खाये जाने वाले व्यंजन सामग्री को नहीं परोसते हैं. इसके पीछे उनकी राय है कि चीनी व्यंजन भारत में नहीं खाये जा सकते हैं. अशोक वासुदेव दावा करते हैं कि वो चीन से स्वाइन फ्लू का उपचार भी लेकर आये हैं. अशोक वासुदेव कहते हैं कि, ‘चुनाव के समय उनके पास सबसे अधिक अर्ज़ी आती है.
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अशोक के दावे कितने सच हैं ये तो अशोक और उनसे मिले लोग ही जानें! लेकिन 33 करोड़ देवी-देवता वाले देश में चीनी देवी क्वानियन को स्थापित करने की उनकी कोशिश निश्चित रूप से भक्तों का एक और वर्ग खड़ा कर सकती है.Next….
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