भारत में नेताओं और सेलिब्रिटियों के मंदिर बनाया जाना और उन्हें पूजना नई बात नहीं है. राजकोट में बनाया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंदिर को उनके आपत्ति के बाद हटा दिया गया. पर गुजारात के ही एक जिले महिसागर में न सिर्फ भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का मंदिर है बल्कि उन्हें भगवान शिव के साथ पूजा जाता है.
खास बात यह है कि वडोदरा के इस मंदिर में राजीव गांधी की पूजा करने वाले आदिवासी उनके फैन नहीं हैं बल्कि वे दिल से इस बात को मानते हैं कि उन्हीं की वजह से क्षेत्र में विकास हो पाया है. और वे सचमुच पूर्व प्रधानमंत्री को भगवान जैसा ही मानते हैं.
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हाल ही में महिसागर जिले के सारसवा गांव में एक मेला लगा था. यह मेला हर साल पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर लगता है. बारिश और खराब मौसम का सामना करते हुए सैकड़ों ग्रामीण इस मेले में पहुंचे. इस मेले में शामिल आदिवासियों के दिल में राजीव गांधी के लिए आपार श्रद्धा देखी जा सकती थी. राजीव गांधी इस गांव में 22 मार्च 1986 को आए थे. तब यह गांव पानी की भारी किल्लत से गुजर रहा था.
राजीव गांधी का यह दौरा गांव वालों के लिए वरदान साबित हुआ. इसके बाद से गांव में बदलाव की एक बयार चल पड़ी. “गांव में बिजली आई, सड़क बनी और पानी की भी व्यवस्था हुई. गांव के तालाब को भी पुनर्जीवन मिला.” यह कहना है कांति संगादा का जिनके पिता धुला संगादा राजीव गांधी के दौरे के समय गांव के सरपंच थे. कांति बताते हैं कि मेले की शुरुआत 1987 में उनके पिता और अन्य लोगों द्वारा राजीव गांधी के सम्मान में शुरू किया गया.
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कांति का कहना है कि, “राजीव गांधी हमारे लिए मसीहा के समान हैं, उनके सम्मान में होली से पहले अमली अग्यारस को मेले का आयोजन किया जाता है जो कि एक पवित्र दिन है” यह मेला एक शिव मंदिर के पास आयोजित किया जाता है. इस मंदिर में राजीव गांधी का एक चित्र रखा गया है. यह चित्र भगवान शिव के चरणों के पास रखी गई है और आदिवासी शिव के साथ इस तस्वीर की भी पूजा करते हैं.Next…
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