कुछ प्रेम कहानियां ऐसी होती हैं जो समय और देश की सीमाओं से परे होती हैं. रुस की अन्ना और बोरिस की कहानी को हम उसी श्रेणी में रख सकते हैं. साल 2008, जब उस बूढ़े आदमी को कार से उतरते देखा तो एकबारगी उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ. उसे लगा उसकी आंखे उसे धोखा दे रही है.
उसके आंखों के सामने जो शख्स था उसका नाम था बोरिस. वह शख्स जिसके प्रेम में 60 साल पहले अन्ना दीवानी हो गई थी और फिर उससे शादी रचा ली थी. दुर्भाग्यवश शादी के तीन दिन बाद ही अन्ना और बोरिस को जुदा होना पड़ा था. बोरिस को अपनी लाल सेना की टुकड़ी से फिर से जुड़ने जाना था पर उन दोनों ने तब यह कभी नहीं सोचा था कि अगली बार वे 60 साल बाद मिलेंगे. इन 60 सालों में विश्व के अनेक देशों के इतिहास और भूगोल की तरह अन्ना और बोरिस की जिंदगियों में भी कई बदलाव आए. अगर कुछ नहीं बदला तो उन दोनों का एक दूसरे के लिए प्रेम.
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सर्बिया के अपने गांव में उस दिन अचानक बोरिस को देखकर अन्ना के होंठों पर उस चुंबन की गर्माहट फिर ताजा हो गई जो शादी के तीन दिन बाद ही जुदा होते वक्त बोरिस और अन्ना ने एक दूसरे को दिया था. वह साल था 1946 का. सोवियत रुस पर स्टालिन का शासन था. चूंकी अन्ना के पिता ने तत्कालीन सोवियत संघ की संयुक्त खेती की नीति का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया था इसलिए उन्हें सजा के तौर पर परिवार के साथ गांव से बाहर निकाल दिया गया.
बोरिस जब युद्ध से लौटा तो गांव में न अन्ना मिली और न ही उसका कोई पता. सालों साल तक वह अपनी दुल्हन को तलाशता रहा. इस बीच अन्ना बोरिस का इंतजार करती रही पर अंत में उसे अपनी मां के दबाव में आकर दूसरी शादी करनी पड़ी. इधर बोरिस ने भी एक दूसरी महिला से शादी कर लिया. समय गुजरता रहा और इस बीच दोनों के नए साथी स्वर्ग सिधार गए. सोवियत संघ के विघटन के बाद अन्ना दुबारा अपने पुराने गांव में लौट आई और फिर सन 2008 में आया वह अद्भुत मिलन का क्षण.
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बोरिस पैतृक गांव में अपने पिता के कब्र को देखने आए थे. उन्होंने अन्ना को उस घर के आगे देखा जहां कुछ दिन उन दोनों ने साथ-साथ गुजारे थे. अन्ना को देखते ही बोरिस चिल्ला उठा, “मेरा प्यार, मेरी जीवन, मेरी पत्नी, मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रहा था.”
उस पूरी रात वे दोनों एक दूसरे से बात करते रहे. दोनों को एक दूसरे से कई शिकायते थीं पर बोरिस कहते हैं कि, “हमने निर्णय लिया कि हम एक दूसरे से कोई भी शिकायत नहीं करेंगे. जिंदगी ने पहले ही हमे इतने दिनों तक अलग रखा और न जाने और अब कितनी जिंदगी शेष बची है. अपनी शेष जिंदगी को हमने खुशी-खुशी एक साथ गुजारने का निर्णय लिया.” उम्र के आखिरी पड़ाव में बोरिस और अन्ना ने फिर से शादी करके अपने पहले और सच्चे प्यार को एक नया आयम दे दिया…Next
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