एआईबी का ‘रोस्ट’ हाल के दिनों में सुर्खियों में रहा. एआईबी के इस कार्यक्रम के वीडियो को आयोजकों ने यू ट्यूब के समुद्र में मोती पाने के लालच में फेंक दिया! वो तो भला हो चुलबुल पांडे जी का! ऐन मौके पर उन्होंने ऐसी दबंगई दिखाई की यू ट्यूब ने इस वीडियो को अपने कूड़ेदान के रसातल में पहुँचा दिया ताकि कोई इसे खोज ही न सकें. भाई दबंग हैं, तो दिखना भी चाहिए! उसमें भी बात अगर उनकी मुँहबोली बहन के पूर्व पुरूष मित्र के चर्चे की हो तो भला चुलबुल जी की दबंगई तो आकार लेती ही. सो उन्होंने यू ट्यूब वालों को हड़का दिया है. लेकिन का बरखा जब कृषि सुखानी!
उधर इस वीडियो ने डीके बोस वाले पीके के मानस पटल पर चोट की है. उन्होंने साफ कर दिया है कि, ‘इ सब 14 साल के लइकन को शोभा देता है जिराफ़ जैसन करण-अर्जुन को नहीं.’ लेकिन उनकी पत्नी ने अपना जौहर दिखाते हुए इस कार्यक्रम में शामिल करण और आयोजकों को समर्थन दिया है.
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दूसरी तरफ साहेब के प्रिय देवेंद्र का संस्कृति मंत्रालय भी इस विवाद में कूद पड़ा है. कारण किसी ने थाने में रपट लिखवा संस्कृति का पुरोधा बनने की कवायद शुरू कर दी है. लेकिन लिखवाई गई रपट में उस अबोध बच्ची को भी घसीट लिया गया है जिसको देश के राष्ट्रपति तक का नाम नहीं मालूम! अपनी बेटी का नाम अभियुक्तों में शामिल होने से भारतीयों को दो बार ‘जिस्म’ दिखलाने वाले इस परिवार के सदस्यों का गुस्सा ट्वीट के रूप में फूट कर बाहर आया है. अबोध बेटी के पिता बार-बार अपने ट्विटर खाते पर ट्वीट लिखकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. इधर लोग दाँतों तले उँगली दबाये बैठे हैं कि ‘स्टूडेंट ऑफ दी ईयर’ का ख़िताब अपने नाम करने निकली इस बच्ची के साथ यह क्या अनहोनी हो गई!
इतना ही नहीं सुनने में आया है कि अपनी आवाज़ से सबको खामोश कर देने वाले पटनिया चाचा की बेटी भी उस कार्यक्रम में थी. ऐसा लग रहा है कि सबके टूथपेस्ट में नमक-नींबू खोजने का खेल उन्हें रास नहीं आया. इस कार्यक्रम ने हाल ही में बॉलीवुड को कई फाड़ों में बाँट दिया है. एक फाड़ इसके समर्थन में है तो दूसरा इसके विरोध में. वहीं एक फाड़ कुछ न बोलकर खामोशी से पींप-पींप करते नोटा का बटन दबाये हुए तमाशा देख रहे हैं. इन सबसे इतर भारत की अपनी एक अनूठी सांसकृतिक विरासत है. इस देश में मनोरंजन के तरीके विविध और विनोदपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन भौंडे नहीं. अपनी अच्छी छवि और प्रशंसकों के प्रेम का भौंडेपन के बढ़ावे के लिए इस्तेमाल कम से कम भारत में तो गलत ही कहलायेगा.Next…
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