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एक अनोखा त्योहार जिसमें करते हैं लोग अपनी मौत की खरीददारी

कई ऐसे संप्रदाय हैं जिसमें मरने के बाद लोग अपने परिजन के शव को दफनाते हैं. ईसाई संप्रदाय में शव को ताबूत में रखकर दफनाया जाता है. सनातन धर्म में कई व्याख्यायें हैं जो बताती हैं कि इंसान के मरने के बाद उसके शरीर का क्या होता है. लेकिन लोग स्वयं यह नहीं जान सकते कि मरने के बाद उनके शरीर के साथ क्या होता है! हालांकि जापानी शहर टोक्यो में लोग अपनी मौत से पहले स्वयं यह तय कर सकते हैं कि किस अंदाज में दुनिया से रूख़्सत हुआ जाय!



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जापान की राजधानी टोक्यो में एक त्योहार मनाया जाता है जिसका नाम शुकात्सु फेस्टा है. इस त्योहार में शामिल होने वाले लोग यहाँ जो करने आते हैं उसे सुनकर आँखें फटी की फटी रह सकती है. शुकात्सु का जापानी अर्थ ‘मौत की तैयारी’ है. इस त्योहार में शामिल होने वाले लोग यहाँ अपनी मौत की तैयारी करते हैं. कई लोगों की चाहत होती है कि उनकी मौत सम्मानजनक हो.



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इसलिये यहाँ आने वाले लोग अपनी मर्जी से अपने लिए कब्र चुनते हैं. लोग अपनी कब्र चुनने से पहले अपने आकार के अनुसार ताबूत का चयन करते हैं. उन्हें यह स्वतंत्रता होती है कि वो इसमें लेटकर देख सकें कि वह ताबूत उनके आकार के अनुसार है या नहीं.



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इस त्योहार में आने वाले लोग उन कपड़ों की भी खरीददारी करते हैं जिसे पहन कर वो इन ताबूतों में लेटते हैं. हर वर्ष इस त्योहार में करीब 5,000 लोग आते हैं. यहाँ लोगों को इस बात की आज़ादी होती है कि वो देख सकें कि मरने के बाद वो ताबूत में कैसे दिखते हैं. ताबूत में लेटने वाले लोगों के लिए यहाँ साजो-सज्जा की भी व्यवस्था है.



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तो है न यह त्योहार अनोखा जिसमें शामिल होने वाले लोग पूरी साजो-सज्जा के साथ नये परिधान पहन कर और अपने आकार के अनुसार ताबूत चुन और उसमें लेटकर यह देखते हैं कि मरने के बाद वो कैसे दिखेंगे! Next….



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