लोग उसे हनुमान का रूप मानते हैं. लोगों का मानना है कि उसका आशीर्वाद उनकी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकता है. आज के समय में आप श्री हनुमान या श्री कृष्ण के जन्म की कल्पना नहीं कर सकते. गणेश जी की मूर्ति अगर दूध पीती है तो आपको पता है कि वह खबर झूठी है. अगर गणपति की सूरत का कोई बच्चा जन्म ले तो भी आप चौंकते हैं. पर दुनिया में कभी-कभी कुछ चीजें ऐसी हो जाती हैं, जिसका कारण समझना मुश्किल हो जाता है. ऐसा ही कुछ इस बच्चे के साथ हुआ. हनुमान की तरह खूबियों वाला यह बच्चा लोगों के लिए उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला बाल हनुमान है. पर भगवान की भी अपनी जद्दोजहद होती है, इस बाल हनुमान की भी है.
भारत के पंजाब प्रांत के फतेहपुर में एक 12 वर्षीय बच्चा भी ऐसे ही जद्दोजहद में अपनी जिंदगी बिता रहा है. उसकी आंखें, सिर, हाथ-पैर सब आपकी ही तरह हैं पर हां शरीर का एक हिस्सा ऐसा है जो आज उसे लोगों के बीच साधारण इंसान से अलग बाल हनुमान की पहचान दे चुका है. फतेहपुर के इस 12 वर्षीय अरशद अली के साथ विडंबना यह है कि इसकी पूंछ है. डॉक्टरी भाषा में इसे मेनिंगोसिले नामक बीमारी के नाम से जाना जाता है पर लोग इसे कुछ ही मान रहे हैं.
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खबरों के अनुसार पूंछ होने के साथ ही अरशद की पीठ पर हनुमान की तरह 9 पवित्र निशान भी हैं. इसके अलावे भी पैरों के तलवों पर पद्म निशान और बायीं बांह पर सीता और कड़े का निशान है. 15 फरवरी 2001 को जन्मा अरशद लोगों के लिए हनुमान का रूप और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला बच्चा है. लोग उससे आशीर्वाद लेने आते हैं. पर अरशाद की अपनी जिंदगी बहुत ही चुनौतीपूर्ण है. अरशाद के पिता की मृत्यु हो चुकी है. उसकी मां दूसरी शादी कर अपने पति के साथ रहती है. बचपन से अकेलेपन का दंश झेल रहा अरशद अपने नाना के साथ रहता है. उसके नाना ही उसकी देखभाल करते हैं. इस अनचाही पूंछ के कारण अरशाद को चलने, उठने-बठने में दिक्कत होती है. इसके नाना ने डॉक्टरों से जब इसे हटाने के लिए ऑपरेशन की बात की तो डॉक्टरों ने ऑपरेशन से अरशाद की जान को खतरा बताया. आज यह छात्र लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है लेकिन इस पूंछ के साथ वह अपनी संघर्षमय जिंदगी जीने के लिए मजबूर है…..Next
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