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सुंदर दिखने के लिए बहाया पानी की तरह पैसा, लेकिन बन गए ऐसे!

सुंदर और सुडौल दिखना कई लोगों की प्राथमिकता  होती है. इसके लिए वो तरह-तरह के नुस्ख़े अपनाते हैं. कोई क्रीम के रूप में ‘बढ़ती उम्र रोधी’ लेप लगाता है तो कोई दवाईयाँ लेता है और कई तो शल्य-चिकित्सा(सर्जरी) तक करवाते हैं. लेकिन ये सब करने के बाद अगर किसी को झूलती चमड़ी, टेढ़े होंठ और निष्प्राण वक्षाग्र मिले तो अनुभव कीजिए उन पर क्या बीतती होगी! यहाँ कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में बताया जा रहा है जो अपने सुखद सपनों के लिए करवाई गई सर्जरी का भयावह परिणाम भुगत रहे हैं.



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सर्जरी के बाद जैकब



मोटापा घटी, लेकिन कुछ ऐसे!

जैकब नामक यह व्यक्ति अपने मोटापे और फूले शरीर को लेकर परेशान रहा करते थे. उन्होंने अपना वज़न घटाने के लिए शल्य-चिकित्सा(सर्जरी) करवाई. चिकित्सा के दौरान उनके शरीर से अतिरिक्त चर्बी निकाल दी गई. लेकिन तब जैकब का सुडौल दिखने का सपना चूर-चूर हो गया जब उनके शरीर(पेट के भाग) की चर्बियाँ झूलने लगी.



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सर्जरी से पहले जैकब



उस शल्य-चिकित्सा के दुष्परिणाम से उनके चमड़ों का कसाव बिल्कुल खत्म हो गया. चिकित्सों से सम्पर्क करने पर जैकब को यह कहा गया है कि, ‘वापस सामान्य अवस्था में लाने के लिए उन्हें कम से कम चार बार ऑपरेशन करवाना होगा.’



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हान्नाह सर्जरी के बाद



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हान्नाह के होंठ-

बचपन में सुंदर दिखने वाली हान्नाह कोस्टायेर ने 18 वर्ष की उम्र में लिप-इंजेक्शन (एक प्रकार की प्रसाधन शल्य-चिकित्सा) करवाई. शुरू-शुरू में तो उसे इसका असर अच्छा लगा लेकिन जल्दी ही उसके होंठ ऐसा आकार लेने लगे जिससे सुंदर दिखने का उसका सपना धरा का धरा रह गया.



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हान्नाह सर्जरी से पहले



हान्नाह की निचली होंठों में सूजन रहने लगी और दुष्परिणाम यह हुआ कि एक तरफ यह बड़ी होने लगी और दूसरी तरफ बिल्कुल वैसी ही रही जैसी वो पहले थी. चिकित्सकों ने उन्हें कहा है कि, ‘फिलर उनके कनेक्टिव टिश्यू में चले गए हैं और उसे सामान्य करने के लिए उसकी टिश्यू से अनावश्यक हिस्सा निकालना होगा.’




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सु मैकमेनस ने खोया वक्षाग्र-

सु मैकमेनस अपने भारी वक्षों के कारण पीठ दर्द की समस्या से जूझती थी. इसके निदान के लिए उसने शल्य-चिकित्सा के द्वारा अपना वक्ष घटाने की कोशिश की. लेकिन पाँच-छह घंटों के उपचार के बाद उसे अपने दायें वक्ष से अत्यधिक खून बहते दिखाई दिया. वक्षों की पट्टी हटाने पर उसके वक्षाग्र भी उसके वक्ष-स्थल से बाहर निकल आये.

इस ऑपरेशन के छह माह बाद सु ने अपने वक्षाग्र को सामान्य अवस्था में लाने के लिए फिर से ऑपरेशन कराया. लेकिन इस बार भी उसके साथ बुरा हुआ. जो वक्षाग्र उसके वक्ष पर प्रतिस्थापित किये गये वो सामान्य से भी छोटे थे. सु कहती है कि, ‘इन ऑपरेशन से उसे गहरा आघात पहुँचा है और वो अपना आत्मविश्वास खो चुकी है. हालांकि,  मेरे पति मुझसे पहले की तरह ही पेश आते हैं, लेकिन मुझमें अब सामान्य महिलाओं जैसा विश्वास भी नहीं रहा.’

चैनल 5 पर दिखाये जाने वाले ‘बॉच्ड अप बॉडीज’ में इन तीनों की कहानी को  दिखाया गया है. इस चर्चित कार्यक्रम में इन लोगों की कहानियों के माध्यम से यह बताने की कोशिश की गई है कि, ‘शरीर को सुंदर व सुडौल बनाने के लिए कराई गई शल्य-चिकित्सा (सर्जरी) किस तरह से लोगों के जीवन को तबाह कर सकती है!’ Next…..






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