बेहद भयावह होगा वो समय जब अचानक से एक रात के अंदर ही हमारी पृथ्वी पर एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, दुनिया तहस-नहस हो जाएगी.. सब तबाह हो जाएगा. हमारी विचित्र कल्पनाओं में बसने वाली यह बातें अब सिर्फ बातें ही नहीं बल्कि सच्चाई का रूप ले रही है.
चीन के गुआंग्डोंग क्षेत्र के साथ लगने वाले समुद्रीय तट ने रातों रात अपना रंग बदल लिया. उस सुबह जब गांव वालों ने समुद्र को देखा तो वे हक्के-बक्के रह गए. समुद्र का रंग गहरा लाल हो गया था. पहले क्षण में तो गांव वालों को लगा कि शायद किसी समुद्री जीव ने किसी इंसान को मार दिया है जिसका खून बहकर समुद्र तट की ओर आ गया है लेकिन जब लोगों ने कुछ दूर तक यहीं रंग देखा तो वे और परेशान हो गए.
यह लाल रंग ना केवल समुद्र के तट तक सीमित था बल्कि आधे से ज्यादा समुद्र पर अपनी चादर बिछाए हुए था. अब गांव वाले और भी सहम गए. उन्होंने हजारों वर्षों पुराने एक दस्तावेज में पढ़ा था कि जिस दिन समुद्र का रंग लाल हो जाएगा वह दिन निश्चित ही दुनिया का आखिरी दिन होगा, यानी कि अंत आ गया है.
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चारों तरफ डर की लहर दौड़ रही थी, हर कोई अपने चेहरे पर एक अनचाही परेशानी लिए घूम रहा था. लेकिन फिर सच्चाई का पता लगा. इस खबर को सुनने के बाद कुछ वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किया और इस शोध में जो सामने आया वो चौकाने वाला था.
वैज्ञानिकों ने बताया कि समुद्र के तल पर ‘अल्गई ब्लूम्स’ नाम की एक काई जब सामान्य से ज्यादा पैदा हो जाती है तो उसके प्रभाव से समुद्र का रंग गहरा लाल या फिर भूरा होने लगता है. यह काई जब कभी भी समुद्र में एक जगह पर पनपती है तो यह काफी तेजी से फैलने लगती है और यही कारण है कि गुआंग्डोंग के तटीय क्षेत्र के काफी बड़े हिस्से का रंग लाल हो गया.
वैज्ञानिकों ने गांव वालों से आग्रह किया कि भले ही मामला उतना संजीदा नहीं है जैसा कि वे लोग समझ रहे थे लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है. वैज्ञानिकों द्वारा लोगों को समुद्र के पास जाने, उसका पानी इस्तेमाल करने और यहां तक कि इस समुद्र से किसी भी तरह का जीव पकड़ने के लिए मना कर दिया गया है क्योंकि ऐसे समय में इस समुद्र के जीव ना केवल हानिकारक हैं बल्कि जानलेवा भी हैं.
इससे पहले भी समुद्र के रंग बदलने पर वर्ष 2013 में एक शोध किया गया था जिसमें यह साबित हुआ था कि जब कभी भी हमारी जलवायु में कोई बड़ा बदलाव आता है तो उसका प्रभाव ना केवल हमारे पर्यावरण पर पड़ता है बल्कि यह मानव जाति के लिए भी विनाश का कारण बन सकता है. Next…
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