क्रिकेटरों के रातों रात सितारा बनने की कहानियां तो हम खूब पढ़ते हैं, सुनते हैं पर आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज को लगी घातक चोट ने एक बार फिर इस सच पे रोशनी डाली है कि एक खिलाड़ी अपनी जान दांव पर रखकर मैदान में उतरता है. खासकर क्रिकेट में खेल के दौरान खिलाड़ियों को लगे प्राणघाती चोटों का एक लंबा इतिहास रहा है. यहां हम ऐसी ही कुछ घटनाओं का उल्लेख कर रहें हैं.
–1932-33 के बॉडी लाईन सीरीज में आस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बर्ट ओल्डफिल्ड के सर पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज हैरॉल्ड लारवुड की गेंद लगने के कारण उनकी खोपड़ी की हड्डी टूट गई थी.
–1960 में भारतीय टीम के कैप्टन नारी कॉनट्रेक्टर के सिर पर वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफिथ की गेंद लग गई. कॉनट्रेक्टर 6 दिनों तक बेहोश रहे. कॉनट्रेक्टर की जान तो बच गई लेकिन वो दुबारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाए.
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–बॉब विलिस की गेंद ने 1977 के सेंचुरी टेस्ट के दौरान रिक मैककॉस्कर का जबड़ा तोड़ दिया था वहीं 1986 में सेलकॉम मार्शल की गेंद से माईक गेटिंग की नाक टूट गई थी.
–इंग्लैंड के तेज गेंदबाज पीटर लीवर की गेंद सिर पर लगने के कारण न्यूजीलैंड के बल्लेबाज ईवेन चैटफील्ड की सांस रुक गई थी. इंग्लैंड के फिजियो बरनार्ड थॉमस के त्वरित उपचार और मैदान में ही सीपीआर देने के कारण चैटफील्ड की जान बचाई जा सकी.
-दो साल पहले ही साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर मार्क बाउचर की आंखों में स्टंप की गिल्ली लग जाने के कारण उनकी बांई आंख में गंभीर चोट लगी.
लेकिन कुछ खिलाड़ी इतने भाग्यभाली नहीं रहे
-भारतीय क्रिकेटर रमन लांबा की घटना बेहद चर्चित रही थी. शार्ट लेग पर फिल्डिंग करते समय उनके सिर पर बांग्लादेशी बल्लेबाज मेहराब हुसैन द्वारा हिट की गई गेंद लगी और उनकी मृत्यु हो गई. गौरतलब है कि बांग्लादेश के एक क्लब के लिए खेलते हुए लांबा उसी गेंद पर शार्ट लेग पर फिल्डिंग करने के लिए आए थे.
उस समय आखिरी ओवर की केवल तीन गेंद बचीं थी. कप्तान खालिद मसूद ने लांबा से हेलमेट के लिए पूछ पर लांबा ने जवाब दिया की केवल तीन गेंद बची हैं इसलिए कोई समस्या नहीं है. पर अगली ही गेंद पर मेहराब हुसैन के बल्ले से निकली गेंद उनके सर पर लगी और हवा में उछल गई. विकेटकीपर ने उस कैच को लपक लिया और सारी टीम एक साथ आउट की अपील के साथ चिल्ला उठी पर जमीन पर पड़े लांबा अपने टीम के साथ यह खुशी बांटने में असमर्थ थे.
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-17 साल के पाकिस्तानी क्रिकेटर अब्दुल अजीज के सीने पर गेंद लगी और वो बेहोश होकर जमीन पर गिर गए. उन्हें फिर कभी होश नहीं आया और अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई.
इन घटनाओं के चलते क्रिकेट में विभिन्न सुरक्षा उपरकरणों को पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. समय-समय पर इन उपकरणों में सुधार भी किया जाता रहा है लेकिन् फिलिप ह्यूज की घटना इन उपकरणों की कारगरता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है. गौरतलब है कि ह्यूज ने बैंटिग करने के दौरान हेलमेट पहन रखा था…..Next…
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