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जेल जाने से बचना है तो कभी न करें रेल में ये 10 गलतियां

भारतीय रेल में रोजाना ऑस्ट्रेलिया की पूरी आबादी के बराबर यानी लगभग 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा यात्री सफर करते हैं. लेकिन इस सफर के दौरान  यात्री जाने-अनजाने कई ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिसकी सज़ा उन्हें जुर्माने अथवा कारावास के रूप में भुगतनी पड़ती है. इन दंडों से बचने के रास्ते रेलवे-नियमों की जानकारी होने में है. आइए इन नियमों और सामान्य गलतियों पर नजर दौड़ाते हैं.



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1. बेटिकट होने पर

यात्री के पास टिकट न होने की स्थिति में अथवा इस्तेमाल की हुई टिकट पर फिर यात्रा करने के दौरान पकड़े जाने पर छह माह की जेल या एक हजार रूपए का जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है.


2. उचित श्रेणी में यात्रा न करना

टिकट में लिखी श्रेणी में यात्रा करने के बजाय उच्च दर्जे में यात्रा करना अपराध की श्रेणी में आता है. पकड़े जाने पर दोनों श्रेणी के किराये के बीच का अंतर जुर्माने के रूप में चुकाना होता है. जुर्माने की रकम न अदा कर पाने पर 1 माह तक की जेल हो सकती है.


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3. टिकट कालाबाज़ारी करना

रेलवे-टिकट की कालाबाज़ारी अपराध है। इसके तहत अनधिकृत होने पर भी रेलवे-टिकट बेचना अपराध की श्रेणी में आते हैं. इसके लिए तीन माह का कारावास अथवा पाँच हज़ार रूपए जुर्माना अथवा दोनों की सजा हो सकती है.


4. दूसरों की टिकट अपनी नहीं होती

किसी दूसरे की टिकट पर यात्रा करने पर तीन महीने का कारावास अथवा पाँच हजार रूपए जुर्माने की सजा हो सकती है. इस टिकट को ज़ब्त कर टिकट निरीक्षक संबंधित यात्री को बेटिकट मान कर कार्रवाई कर सकता है.


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5. नशा-नशा न खेलें

रेल में शराब पीना अपराध है. शराब के नशे में पकड़े जाने पर टिकट ज़ब्त करने के साथ ही छह माह की जेल अथवा पाँच हजार रूपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है.


6. यात्रा को धुएँ में न उड़ाए

रेल में सिगरेट पीना सख्त मना है. ऐसा करने पर सौ रूपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.


7. विस्फोटक व ज्वलनशील पदार्थ न ले जाएँ

रेल में गैस-सिलिंडर अथवा कैरोसीन जैसे ज्वलनशील पदार्थ के साथ यात्रा करना मना है. ऐसा करने पर तीन साल तक का कारावास अथवा एक हज़ार रूपए का जुर्माना अथवा दोनों की सज़ा भुगतनी पड़ सकती है. इन उत्पादों की वज़ह से किसी भी प्रकार की क्षति होने पर उसकी भरपाई भी उसी यात्री को करनी होगी जो ऐसे उत्पादों के साथ यात्रा करता है.


8. पाँच साल से अधिक उम्र के बच्चे

रेल में पाँच वर्ष तक के बच्चों का टिकट नहीं लगता. लेकिन पाँच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों का टिकट अनिवार्य है. हालांकि पाँच से बारह वर्ष तक के बच्चों के टिकट पर रेलवे विशेष छूट देती है जिसका लाभ उठाया जा सकता है. अगर कोई बच्चा बिना टिकट यात्रा कर रहा है तो उसके अभिभावकों से व्यस्क द्वारा देय किराये का आधा अथवा 250 रूपए में से जो भी ज्यादा हो वो जुर्माने के रूप में वसूला जाता है.


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9. साथ ले जाने वाले सामान की मात्रा का रखें ध्यान

प्रथम, द्वितीय, तृतीय, स्लीपर और सेकेंड श्रेणी के डब्बों में क्रमश: 70 किलो, 50 किलो, 40 किलो, 40 किलो और 35 किलो सामान साथ ले जाने का प्रावधान है. इससे अधिक वज़नदार सामान ले जाने पर अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ता है. अगर कोई बिना अतिरिक्त शुल्क का भुगतान किए यात्रा करता है तो उसे उस सामान के निर्धारित शुल्क का छह गुना अधिक जुर्माने के रूप में चुकाना पड़ सकता है.


10. छत या इंजन पर न करें यात्रा

रेल की छत, सीढ़ी या इंजन पर यात्रा करना अपराध है और इसके तहत तीन माह की जेल या पाँच  हजार रूपए जुर्माना या फिर दोनों का नुकसान उठाना पड़ सकता है.


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