एक बेहद प्रचलित कहावत है कि ‘मर्द को दर्द नहीं होता’. कुछ लोगों को यह कहावत भले ही अतिश्योक्ति लगे पर यह सच्चाई है कि प्रकृति ने ऐसे कई दर्द दिए हैं जो सिर्फ और स्त्रियों के लिए है और पुरुष को इससे अछूता रखा. ऐसा ही एक दर्द है प्रसव पीड़ा.
प्राकृतिक रुप से एक पुरुष यह कभी नहीं जान सकता कि प्रसव के दौरान एक स्त्री कितना दर्द सहती है. शायद यही वजह है कि स्त्रियों को अक्सर यह शिकायत रहती है कि उनके पति प्रसव के दौरान होने वाली तकलीफ के प्रति संवेदनशील नहीं होते और वे उनके प्रति बेहद कम सहानुभूति जताते हैं. जल्द ही पिता बनने जा रहे चीन का एक युवक सॉन्ग सिलिंग चाहता था कि वह उस पीड़ा से अवगत हो सके जो उसकी जीवनसंगिनी सहने जा रही है. सिलिंग अपनी गर्लफ्रेंड के जरिए एक संतान प्राप्त करना चाहते है. उन्हें यह अवसर मुहैया कराया पूर्वी चीन के अएमा मैटरनीटी अस्पताल ने.
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यह अस्पताल बिजली के झटकों के द्वारा वालिंटियरों को प्रसव पीड़ा महसूस कराने की व्यवस्था मुहैया कराता है. लगभग 5 मिनट के इस प्रक्रिया में इच्छुक व्यक्ति के पेट पर कुछ उपकरण लगाए जाते हैं जिसके जरिए इलैक्ट्रिक शॉक दिया जाता है और इसकी तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ाई जाती है. एक स्केल पर यह तीव्रता 1-10 तक जाती है जहां 1 प्रसव पीड़ा के शुरूआती दर्द जीतनी तीव्रता का शॉक देता है जबकि स्केल की सूई के 10 पर पहुंचने का अर्थ है प्रसव के दौरान होने वाले अत्यधिक दर्द जितना तीव्र शॉक.
इस प्रयोग से गुजरने वाले सॉन्ग सिलिंग बताते हैं कि, “मुझे ऐसा महसूस हो रहा था की मेरा दिल मेरे फेफड़े से अलग हो रहा है”. सॉन्ग स्केल पर अंकित 7 तीव्रता का दर्द ही सह पाए जिसके बाद उन्होंने हाथ हिलाकर और अधिक तीव्रता का दर्द सहने से इंकार कर दिया.
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सान्ग के अलावा करीब 100 अन्य पुरुषों ने इस प्रयोग से गुजरने के लिए आवेदन किए थे. इसमें से कई पुरूष तो 1 मिनट से भी कम समय तक यह दर्द सह पाए. इसमें से कुछ जल्द ही पिता बनने जा रहें हैं तो कुछ महज जिज्ञासावस इस दर्द का अनुभव करना चाहते हैं.
हालांकि कई लोगों ने यह अशंका जताई है कि यह प्रयोग उसी प्रकार का दर्द पैदा करता है जैसा कि प्रसव के दौरान होता है. यह भी सत्य है कि किसी मेकैनिकल तरीके से कोई पुरुष प्रसव के दौरान होने वाने अनुभव को बेहद सतही तौर पर ही महसूस कर सकता है. इस दौरान एक स्त्री किन भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरती है और इस दर्द में निहित मातृत्व के आनंद को कोई मशीन किसी पुरुष को अनुभव नहीं करा सकती.
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