भारत के पंद्रहवें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति के सबसे चर्चित शख्सियत बन चुके हैं. आज उनकी चर्चा न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी हो रही है. मोदी की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आज प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रोनिक और सोशल मीडिया उनसे संबंधित सभी खबरों को प्राथमिकता दे रहा है.
युवाओं में आज मोदी को लेकर काफी क्रेज है इसलिए मीडिया उनकी हर गतिविधियों पर नजरे गड़ाए हुआ है. यही नहीं, उनकी निजी जीवन और उनके परिवार से संबंधित खबरों को भी वरियता दी जाती रही है. वैसे तो उनके परिवार में केवल मां हीराबेन की चर्चा होती है लेकिन लोकसभा चुनाव के समय लोगों ने जाना की उनकी पत्नी भी हैं जिनका नाम जशोदा बेन है. चुनाव से पहले दोनों के रिश्तों को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं थी. आइए जानते हैं जशोदा बेन से संबंधित उन बातों को जिनके बारे आप शायद अंजान हैं.
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17 साल की उम्र में जशोदा बेन की शादी नरेंद्र मोदी से हो गई थी. तब मोदी 18 साल के थे. लेकिन शादी के तीन साल बाद दोनों एक दूसरे से अलग हो गए. इसके पीछे की वजह मोदी का राष्ट्र सेवा बताया जाता है लेकिन इसके लिए जशोदा बेन मोदी को दोषी नहीं ठहराती हैं बल्कि भाग्य का खेल बताती हैं.
वैसे जशोदा बेन के मुताबिक शादी के तीन महीने बाद ही वह मोदी से अलग हो गई थी और उन्होंने इस बात को स्वीकार भी किया कि अलग होते समय दोनों के बीच कोई लड़ाई नहीं हुई.
जब नरेंद्र मोदी ने जशोदा बेन से कहा कि वह घर छोड़ने वाले हैं और पूरे देश का भ्रमण करेंगे तो जशोदा बेन ने भी मोदी से खुद को साथ ले जाने को कहा था लेकिन वह अकेले ही निकल गए.
62 वर्ष की जशोदा बेन एक स्कूल टीचर रह चुकी हैं. इसके लिए उन्होंने प्राथमिक शिक्षा की ट्रेनिंग भी ली है. फिलहाल वह रिटायर हो चुकी हैं और उन्हें प्रतिमाह 14 हजार पैंसन भी मिलता है. नरेंद्र से अलग होने के बाद जशोदा बेन ने ज्यादातर समय अपने भाईयों के घर बिताया जिन्होंने उन्हें काफी सहयोग किया.
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जब जशोदा 10 साल की हुईं तो उनके माता पिता की मृत्यु हो गई. इस बीच उनकी शादी हो गई. जशोदा ने अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा तो उनके भाईयों ने वित्तीय रूप से उनकी काफी सहायता की. ट्रेनिंग खत्म करने के बाद वह 1978 में स्कूल की टीचर बनी. उन्होंने यह तब किया था जब मोदी उन्हें छोड़ चुके थे.
मोदी को लेकर जशोदा बेन की कई सुनहरी यादे हैं वह इन्हीं यादों के जरिए अपनी बाकी की जिंदगी बिताना चाहती हैं. उन्हें हमेशा ही गर्व रहेगा कि वह मोदी की पत्नी हैं.
मीडिया से बात करते हुए जशोदा बेन कहती हैं कई सालों बाद मुझे अच्छा महसूस हो रहा है जब मोदी ने मुझे याद किया, वैसे मुझे अच्छा क्यों नहीं लगेगा उन्होंने कभी भी नहीं माना कि वह शादीशुदा नहीं हैं, मैं उनकी पत्नी हूं और हमेशा उनकी पत्नी बनी रहूंगी. मिलने की बात पर जशोदा कहती हैं जब समय आएगा मैं उनसे मिल लूंगी.
उनके छोटे भाई कमलेश मोदी के मुताबिक उनकी बहन ने मोदी के प्रधानमंत्री होने की मन्नत मांगी थी और इसके लिए ऐसा होने तक चावल नहीं खाने और नंगे पांव रहने का व्रत लिया था. यदि उन्हें आमंत्रित किया जाता तो जशोदा ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए योजना भी बना रखी थी. जशोदा बेन के मुताबिक अंतिम बार जनवरी 1987 में नरेंद्र मोदी से उनकी बात हुई थी.
सुबह चार बजे उठकर जशोदा बेन मां दुर्गा की पूजा करके अपने दिन की शुरुआत करती हैं. आज जशोदा बेन नरेंद्र मोदी से संबंधित सभी खबरों को अखबारों के जरिए पढ़ती हैं और टीवी पर देखती हैं. उन्हें मोदी से संबंधित सभी खबरों को पढ़ना बहुत ही अच्छा लगता है.
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