कुछ लोग इसे चमत्कार कह रहें है तो कुछ कुदरत का करिश्मा. तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में जन्मा यह बछड़ा देश-विदेश की मीडिया के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. दूर-दूर से लोग इस बछड़े को देखने के लिए आ रहें हैं. यहां पहुंचने वाले ज्यातर लोगों के लिए यह बछड़ा श्रद्धा का केंद्र बन गया है. लोगों ने इसे भगवान शिव के अवतार के रूप में पूजना शुरू कर दिया है.
इस बछड़े की भगवान शिव के समान ही तीन आंखे हैं. तीसरी आंख दोनों आंखों के बीचो-बीच बछड़े के माथे पर उभरी हुई है. तमिलनाडु के कोलाथूर नामक छोटे से गांव में जन्में इस बछड़े को गांव के लिए अति शुभ माना जा रहा है. बछड़े के मालिक राजेश का कहना है कि, “यह एक चमत्कार है. भगवान शिव के रूप में इस बछड़े का जन्म गांव और आस-पास के क्षेत्रों में सौभाग्य लाने के लिए हुआ है.”
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भारत एक ऐसा देश है जिसके रंग-रंग में आस्था बहती है. यहां लोग पेड़-पौधे और पत्थरों में भी अपनी आस्था का आधार ढ़ूंढ़ लेते हैं. विदेशी मीडिया के लिए यह आस्था, आश्चर्य और कौतहुल का विषय है भारतीयों के लिए आस्था का एक और उदाहरण.
हाल ही में एक ऐसे किशोर की कहानी सामने आई थी, जो पूंछ के साथ पैदा हुआ था. पंजाब के एक गांव में जन्मा अर्शिद अली खान धर्म से मुसलमान हैं पर हिंदु धर्म में आस्था रखने वाले उसे हनुमान का अवतार मानकर उसकी पूजा करते हैं. अर्शिद भी बिना किसी हिचकिचाहट के रूद्राक्ष और पीले वस्त्र धारण करके बैठते हैं और उनपर आस्था रखने वाले लोगों को आशीर्वाद देते हैं.
वैज्ञानिक और चिकित्सा विज्ञान के जानकार भले ही अतरिक्त अंग के साथ पैदा होने वाले जीवों को चमत्कार की बजाए अनुवांशिक दोष माने, पर इससे इस देश के आम लोगों की आस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ता. यहां आस्था और कल्पना के मेल से कोई विशेष आकृति का पत्थर गणेश का रूप बन जाता है.
बहरहाल ये बछड़ा अपनी सोहरत से अंजान है. इसे शायद ही यह मालूम हो कि वह भगवान शिव का अवतार है. वह अपने मालिक द्वारा मिलने वाले अच्छे भोजन और अपनी मां का दूध पीकर संतुष्ट है. उसकी तीसरी आंख से शिव की तीसरी आंख के समान अग्नी नहीं निकलती, पर वह शिव की तरह ही निर्लिप्त भाव से अपने सभी भक्तों को समान दृष्टी से देखता है.
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