पिछले कई सालों से ये कंकाल एक सुरक्षित स्थान पर दफ्न थे लेकिन उन्हें उनकी कब्र से निकाल लिया गया….मौत के बाद भी शरीर को चैन से नहीं रहने दिया गया..क्या ये सब चर्च के इशारों पर हुआ था या फिर इसके पीछे कोई और कारण है?
यह घटना है स्वीडन स्थित साउदर्न स्वीडिश चर्च की जिसके समीप एक महिला को 80 कंकाल मिले, जिन्हें देखकर आसपास के लोग बहुत हैरान हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि हम नहीं जानते कि ये शव किसके हैं, इन्हें बाहर किसने और क्यों निकाला लेकिन कम से कम मौत के बाद तो शरीर को सम्मान पाने का हक है और शव के साथ ऐसा व्यवहार असहनीय है. चर्च जाते समय इस महिला को शॉपिंग बैग्स के अंदर मानव अस्थियां नजर आईं, जिनका निरिक्षण करने पर पाया गया कि ये लगभग 80 इंसानों की होंगी. ये बात अभी तक किसी को समझ नहीं आ रही कि इतनी बड़ी संख्या में मानव कंकालों का मिलना किस ओर इशारा कर रहा है? ऐसा कहा जा रहा है कि ये कंकाल वर्ष 2009 से ऐसे ही थैलों में भरकर रखे गए हैं.
किकी कार्लेन नामक इस महिला का कहना है कि “ये बिल्कुल अमानवीय है, कंकालों को थैलों में बंद देखकर मुझे बहुत गुस्सा आया”.
चर्च की ओर से यह कहा जा रहा है कि कब्रों में से इन कंकालों को निकालने का कारण वहां होने वाली मरम्मत थी. मरम्मत के काम की वजह से कब्रों को खोदकर उनमें से शवों को बाहर निकाला गया है. स्थानीय स्वीडिश वेबसाइट के अनुसार पुरातत्व वैज्ञानिक लुडविग पेपहल-डुफे का कहना है कि मैं भी उस दल का सदस्य था जिन्होंने कब्रों को खोदकर उसमें से शव बाहर निकाले थे. ये करीब 500 साल पहले दफ्न हुए लोगों के कंकाल हैं. हमने इन्हें कब्र खोदकर बाहर तो निकाल लिया लेकिन अंदर डालने में समय लग रहा है और यह देरी क्यों की जा रही है इसका अंदाजा नहीं है.
हालांकि पेपहल लुडफे का कहना है कि इन थैलों में शवों को भरने का काम उन्होंने या उनकी टीम ने नहीं किया इसलिए वे नहीं जानते कि कंकाल इन थैलों में कैसे आए. इतना ही नहीं पुरातत्व वैज्ञानिक का यह भी कहना है कि इन कंकालों को ‘बोन हाउस’ में संरक्षित कर रखा जाना था पता नहीं क्यों इन्हें थैलॉं में भरकर बाहर फेंक दिया गया. इन कंकालों को इस हालत में बाहर देखकर स्थानीय लोग थोड़ी दहशत में भी हैं. उनका यह भी मानना है कि कहीं अपने साथ हुए इस दुर्व्यवहार का बदला लेने के लिए इन कंकालों के मालिक उन्हें परेशान ना करने लगे.
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