हिंदुओं का सबसे बड़ा ग्रंथ महाभारत एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी एक-एक घटना लोगों रोमांचित करती है. खास तौर पर उस तरह की घटनाएं जिनको लेकर आप पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं. लोग बार-बार ऐसी घटनाओं को सुनना पसंद करते हैं. आज हम आपको महाभारत की एक ऐसी ही दिलचस्प और उल्लेखनीय पहलू बाताने जा रहे हैं जिससे शायद आप अंजान हो.
पाण्डु पुत्रों में (युधिष्ठर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव) सहदेव ही एकमात्र ऐसे पुत्र थे जिनके बारे में कहा जाता है कि पिता का सबसे ज्यादा ज्ञान उन्हीं को ही प्राप्त हुआ था. दरअसल राजा पांडव ने मृत्यु से पहले एक अजीब तरह का वरदान मांगा था. उनके अनुसार जब उनकी मृत्यु हो तो उनके शरीर का मांस उनके पांचों पुत्र खाएं. उनका मानना था कि इस तरह करने से उनका पूरा ज्ञान जो उन्होंने अपने जीवनकाल में प्राप्त किया था उनके बच्चों को स्थानांतरित हो जाएगा.
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पुत्रों द्वारा पिता पांडव के मांस खाने को लेकर तरह-तरह की घटनाएं है. कोई कहता है कि बाकी पुत्रों को छोड़कर केवल सहदेव ने ही मांस खाया था, तो कोई कहता है कि मांस तो पांचों पुत्रों ने खाया लेकिन उनमें से सबसे ज्यादा मांस सहदेव ने खाया. इस तरह से पाण्डु पुत्रों में सहदेव को ही सबसे ज्यादा ज्ञान प्राप्त हुआ.
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तलवार में निपुण सहदेव ने अपने पिता से जो ज्ञान अर्जित किया उसके अनुसार वह भविष्य की घटनाओं को बहुत ही जल्दी भांप लेते थे. उन्हें यह भी पता था कि आने वाले वक्त में महाभारत युद्ध होने वाला था. युद्ध में कौन जीतेगा, कौन हारेगा, किसकी मृत्यु होगी आदि सबकुछ पता था.
भगवान श्रीकृष्ण का श्राप
शास्त्रों के अनुसार महाभारत युद्ध का परिणाम केवल एक ही व्यक्ति जानता था वह हैं भगवान श्रीकृष्ण। लेकिन श्रीकृष्ण को यह भी ज्ञात था कि उनके अलावा सहदेव भी जानते थे कि युद्ध में क्या होने वाला है इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने सहदेव को बहुत पहले ही श्राप दे रखा था कि अगर वह युद्ध के बारे में किसी को बताएंगे तो उनकी मृत्यु हो जाएगी.
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