संगीत का शौक रखने वाले लोगों में हमेशा ही कुछ नया करने की चाह रहती है. ऐसे लोग संगीत की नई धुन कहां से मिले, इसकी तलाश में हमेशा लगे रहते हैं. उनमें से कुछ खुद धुन बनाते हैं तो कुछ आसपास के वातावरण से उठाते हैं जैसे- पक्षियों और जानवरों की आवाज को संगीत का रूप देना, लेकिन आप कभी नहीं सोच सकते हैं कि यही जानवर मन के विकारों के लिए संगीत यंत्र बन सकते हैं.
यह सुन कर आपको काफी अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है. इस यंत्र का नाम है कैटजेनलैवियर. इसका परिचालन 17वीं शताब्दी में एथनैसियस किर्चर नाम के एक जर्मन व्यक्ति ने मेडीसिन, ओरिएंटल स्टडी और जियोलॉजी के क्षेत्र में किया था.
जानना चाहेंगे इस सबसे पुरानी पहाड़ी का रहस्य जहां सबसे पहले च्यवनप्राश की उत्पत्ति हुई
कैटजेनलैवियर की रूपरेखा कुछ इस तरह से तैयार की गई है जो देखने में एकदम पियानों यंत्र की तरह लगता है. पियानों की तरह ही इसमें की-बोर्ड है. इसके आगे वाले हिस्से में एक पिंजरे नुमा घर बना है जिसके अंदर सात से नौ बिल्लिया कैद हैं. पिंजरों में बंद बिल्लियों की पूंछ को फैलाकर की-बोर्ड में लगी कील के सामने रख दिया जाता है. इसके बाद जब व्यक्ति की-बोर्ड के ‘की’ के जरिए बिल्लियों को पिंच करता है तो बिल्लियां पिनपिनाती और चिल्लाती हैं.
यह 10 फैक्ट्स बताते हैं कि आप भी बन सकती हैं सीरियल की बहू
यह यंत्र उन व्यक्तियों के लिए ज्यादा कारगर साबित होता था जो मानसिक रोग पीड़ित थे और जो किसी वजह से अपने कामों में ध्यान नहीं लगा पाते . मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति को उस पियानों के सामने बैठाया जाता और फिर उस दौरान मनोचिकित्सक उस पियानों को बजाना शुरू करता था.
Read More:
Read Comments