मानव विकास कैसे हुआ या इंसान इस दुनिया में कैसे आए यह हमने कई आनुवांशिक तथ्यों में पढ़ा होगा, लेकिन मानव के विकास से जुड़े और भी कुछ ऐसे तथ्य हैं जिनसे हम आज भी अनजान हैं। मानव के शरीर, उसके अंगों व मस्तिष्क से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जिन्हें आज तक इतनी बारीकी से नहीं जाना गया। तो आइये जानते हैं मानव विकास से जुड़े कुछ अनजाने राज़…
18,000 साल पहले इंसानों में हॉबिट जैसी दिखने वाली प्रजाति पाई जाती थी। कहा जाता है कि इस विशेष किस्म की प्रजाति के मानव केवल 3 फीट कद के होते थे, जबकि उनके पैर काफी बड़े होते थे। यह प्रजाति पिग्मी हाथी और 10 फीट लंबी छिपकलियों के साथ रहती थी।
मानव के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भाग था मानव का दिमाग, इसके मस्तिष्क का विकास। वैज्ञानिकों के अनुसार पिछ्ले 30,000 सालों में मानव का दिमाग काफी सिकुड़ गया है और उसने एक टेनिस बॉल की साइज़ का आकार ले लिया है। यह अपने आप में ही एक अद्भुत तथ्य है।
धरती पर अचानक इतने अजगर और डायनासोर कहां से आए?
मानव के शरीर का हर एक अंग हमें कुछ तथ्य समझाता है। जैसे कि हमारे शरीर के किसी हिस्से पर रोंगटे खड़े होना कोई मामूली बात नहीं है। इसके पीछे भी एक कारण है और वो यह कि मानव के पूर्ण विकास से पहले यह बाल बड़े होते थे जो किसी खतरे के संकेत पर खड़े हो जाते थे ताकि वो भयानक दिख सके व खतरे से लड़ सके।
इसके अलावा मानव के विकास के साथ-साथ कुछ ऐसी भी चीज़ें हैं जो गायब हो गईं जैसे कि प्लेनटेरिस मांसपेशी। यह हमारे पैरों के टखने में होती है लेकिन आजकल यह विशेष मांसपेशी मानव शरीर से लुप्त होती जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक करीब 9% इंसानों के शरीर में यह मांसपेशी अब नहीं पाई जाती है। यह मांसपेशी एक जानवर के लिए बहुत अहम होती है जो उसे अपने पैरों के जरिए किसी भी चीज़ पर पकड़ बनाने में मदद करती है।
अकसर मानव किसी भी काम को करने के लिए अपने दाहिने हाथ का इस्तेमाल करता है। यह इंसान में समानता का प्रतीक दर्शाता है। आंकड़ों के अनुसार केवल 10% मानव आबादी अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करती है। और इनमें से 50% मानव खिलाड़ी होते हैं।
एलियन की कहानी कोई कल्पना नहीं है
मानव के विकास के साथ-साथ दुनिया में उनकी आबादी भी धीरे-धीरे बढ़ी है। कहा जाता है कि एक अरब की आबादी तक पहुंचने के लिए मानव को एक लाख साल लग गए लेकिन अब इसी आंकड़े को दुगना करने के लिए केवल 130 साल लगेंगे। इससे तात्पर्य है कि यह आबादी काफी तेज़ी से बढ़ रही है जो पृथ्वी के लिए विनाश का कारण भी बन सकती है।
आंखें मानव के शरीर का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। दृष्टि शक्ति के साथ-साथ यह आंखें इसकी बाहरी व अंदरूनी खूबसूरती के लिए भी चर्चित रहती हैं। काली, भूरी व नीली आंखें, क्या इन रंगों का राज़ आपने कभी पढ़ा है? कहा जाता है कि नीली आंखों का एक अपना पूर्वज होता था और नीली आंखों वाले जोड़े को कभी भी भूरी आंखों वाली संतान नहीं होती।
आज यदि मानव विकास ना होता तो हम कहां होते आपने कभी सोचा है? वैज्ञानिकों के अनुसार करीब 70,000 ईसापूर्व में मानव प्रजाति केवल 2,000 रह गई थी। यह इस प्रजाति के लुप्त हो जाने का भी संकेत था।
आज मानव आज़ाद है, अपने काम स्वयं करना जानता है। मानव की आगे बढ़ने की क्षमता ही उसकी एक आधुनिक मनुष्य बनने की ईमानदार विशेषता थी। और इसी विशेषता ने मानव को आत्मनिर्भर बनाया है ताकि वो अपने काम खुद कर सके।
आधुनिक मनुष्य के आने से काफी पहले इंसानों की एक और प्रजाति पाई जाती थी जिन्हें बॉसकाप्स कहा जाता है। एलियन की तरह दिखने वाले इन इंसानों का सिर काफी बड़ा व चेहरा बच्चों जैसा होता था। सिर्फ इतना ही नहीं इन इंसानों की बुद्धिलब्धि क्षमता किसी 150 साल के इंसान के बराबर मानी जाती थी। वैज्ञानिकों के पास इस प्रजाति के अस्तित्व के नाम पर 1913 में पाए गए हड्डियों के कुछ ढांचे ही हैं।
बच्चा इंसान का आंखें बिल्ली की!!
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