9 माह का मासूम जिसकी दुनिया सिर्फ उसके पिता की गोद तक सीमित है, पर पुलिस ने एक मर्डर प्लान करने जैसा संगीन आरोप लगाया है. पुलिस का कहना है कि इस मासूम ने उन्हें धमकी दी है और गैस चोर को पकड़ने में जुटी पुलिस के काम को बाधित किया है. सभी लोग इसी सकते में हैं कि छोटी सी उम्र में कोई बच्चा इतने बड़ा अपराध कैसे कर सकता है लेकिन पुलिस है कि अपनी बात पर स्थिर है.
ये वाकया है लाहौर, पाकिस्तान का जहां की स्थानीय पुलिस ने बेचारे बच्चे को एक अपराधी बना दिया है. दूध की बोतल लेकर कोर्ट में बैठने वाला यह 9 साल का अपराधी इतना क्यूट है कि अपने पापा की गोद से बाहर निकलने में भी शरमा रहा है. मासूम बच्चा बिल्कुल शांति के साथ कोर्ट की कार्यवाही को देख रहा था लेकिन जैसे ही पुलिस ने सख्ती के साथ उसके दादू को किसी कागजात पर अंगूठा लगाने को कहा वह जोर-जोर से रोने लगा. अब पुलिस की सख्ती से जब बड़े-बड़े कांप जाते हैं तो 9 माह का बच्चा क्या चीज है. खैर लाहौर पुलिस के अनुसार शहर में बिजली कटौती को लेकर जो विरोध प्रदर्शन हो रहा था उस भीड़ में यह बच्चा भी शामिल था, जिसने उन पर पत्थरों से जानलेवा हमला किया.
दादू का कहना है कि 9 माह का मुहम्मद मोसा खान जब अपने दूध की बोतल पकड़ना नहीं जानता तो पत्थर उठाकर कैसे मारेगा. वहीं बचाव पक्ष के वकील इसे पुलिस की लापरवाही और कामचोरी बताकर अपने क्लाइंट 9 माह के मुहम्मद मोसा खान को बचाने की जुगत में हैं.
वैसे ये केस कोई नया तो है नहीं, भारत के देहातों की नब्ज़ समझने वाले लोग अच्छी तरह जानते हैं कि कौन अपराधी है और कौन बेगुनाह, ये सब तो सिर्फ और सिर्फ पुलिस ही डिसाइड करती है. आजकल तो शहरी क्षेत्रों में भी पुलिस का ये टैलेंट, उनके सिक्स्थ सेंस का कमाल साफ नजर आता है. ऐसा लगता है मानो वो बच्चे खेलते हैं ना एक गेम, अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो….बस वही गेम खेलते हुए जिस पर निशाना लगा उसे अपराधी बनाकर अपनी पीठ थपथपा लेते हैं. वो तो शुक्र है लाहौर पुलिस की पोल जल्दी ही खुल गई नहीं तो हम भी सोच में पड़ गए थे कि इतने कम उम्र के बच्चों को खेलते, शैतानी करते सुना था लेकिन मर्डर की प्लानिंग करने जैसा दिमाग और वो भी इस उम्र में, आखिर ये चमत्कार कैसे हो गया!!!
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