कुछ दिनों पहले की खबर है जब एक तेंदुए ने पूरे मेरठ शहर को हिलाकर रख दिया था पर आज आप यह जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि गुड़गांव की एमएचएडीए कॉलोनी में एंट्री करने वाले एक तेंदुए ने गली के कुत्ते के आगे हार मान ली. आमतौर पर कुत्ते की प्रजाति से बिल्लियां डरा करती हैं पर यहां तो कुछ और ही देखने को मिला जब एक तेंदुए ने कॉलोनी में एंट्री करने की कोशिश की तो एक कुत्ते के डर के कारण, तेंदुआ कॉलोनी में एंट्री नहीं कर पाया जिस कारण गुड़गांव की इस कॉलोनी के लोगों ने कुत्ते को कॉलोनी का हीरो बना दिया.
कुत्ते का कॉलोनी का हीरो बनना बड़ी बात नहीं है पर हां, यह जरूर हैरान कर देने वाली बात है कि कैसे कुत्ते और तेंदुए की जंग में कुत्ता जीत गया. कहीं ऐसा तो नहीं कि जब कुत्ते ने तेंदुए को डराया होगा तो उसे लगा होगा कि यह एक बड़ी बिल्ली है. कुत्ते को तेंदुआ बड़ी बिल्ली क्यों लगा होगा इसके पीछे एक तथ्य है. तेंदुआ मूलत: बिल्ली की प्रजाति का है और इस बात से तो सब वाकिफ हैं कि बिल्ली को किस कदर कुत्ते से डर लगता है. जरूर कुत्ते ने तेंदुए को बड़ी बिल्ली समझकर धमकाया होगा और बेचारा तेंदुआ भी एक पल के लिए यह मान बैठा होगा कि ‘मैं एक बिल्ली हूं और मुझे कुत्ते से डर लगता है’.
खैर यह तो बात रही कुत्ते और तेंदुए की जंग की पर इन दिनों जानवरों ने एक अलग ही जंग छेड़ रखी है और उस जंग का नाम है ‘टॉप स्टोरी ब्रेकिंग न्यूज’. हां, इन दिनों विभिन्न तरह के जानवरों को खबरों की दुनिया में टॉप पर जगह मिल रही है. देखिए कुछ इसी तरह की खबरें जहां जानवरों को टॉप पर जगह मिली:
साढ़े छ: घंटे और पकड़ लिया तेंदुआ: अभी कुछ समय पहले की खबर है, वसई पूर्व स्थित फादरवाडी क्षेत्र में तेंदुआ घुस आने से हड़कंप मच गया था. घंटों की मशक्कत के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए को पकड़ने में सफलता पाई, जिसे बाद में संजय गांधी नेशनल पार्क पहुंचा दिया गया. तेंदुआ पकड़ने में लगभग साढ़े छ: घंटे का समय लगा.
जब मेरठ पहुंचा तेंदुआ: एक तेंदुए में कितनी शक्ति होती है इस बात का अंदाजा उसी दिन लग गया था जब एक तेंदुए ने पूरे मेरठ शहर में हलचल मचा दी थी. छ: दिनों के भीतर ही मेरठ के लोगों के दिलों में एक तेंदुए ने खौफ पैदा कर दिया था.
क्या हुआ जब सांप ने निगला मगरमच्छ: इसे प्रकृति की देन कह सकते हैं कि कैसे एक सांप अपने से कहीं ज्यादा विशाल शरीर और ताकत वाले अन्य जीव को जिन्दा निगल जाता है. अपने शिकार को घंटों अपनी अभेद्य जकड़ में कैद रखने के बाद वह उसे निगल जाता है. हाल ही में एक सांप खबरों में छाया रहा था जब उसने एक मगरमच्छ को जिंदा निगल लिया.
बंदरों का आंतक: पिछले दिनों दादरी कस्बे में बंदरों के आतंक के कारण, वहां लोगों का रहना मुश्किल हो गया था. हर रोज कोई ना कोई बंदर 6-7 लोगों को काट कर घायल कर देता था. धीरे-धीरे बंदरों ने छोटे बच्चों को भी काटना शुरू कर दिया था.
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