कभी-कभार प्रकृति कुछ ऐसे कारनामे कर जाती है जिसे समझ पाना वाकई बहुत मुश्किल हो जाता है. व्यक्ति चाहे कितनी ही खोजबीन कर ले, अपनी सारी बुद्धि और क्षमता का सहारा ही क्यों ना ले ले, लेकिन विज्ञान के आधार पर कुदरती हलचलों के भीतर छुपे रहस्य को जान पाना लगभग असंभव सा ही है.
ऐसा ही एक अद्भुत कारनामा हुआ है दहुआ (चीन) के रहने वाले एक बच्चे के साथ जिसकी आंखें पाश्चात्य देशों के बच्चों की भांति नीली हैं. यद्यपि किसी बच्चे की आंखें नीली होना एक सामान्य सी ही बात है लेकिन नोंग यूसुई नाम का यह बच्चा अपनी इन्हीं नीली आंखों की वजह से धुप्प अंधेरे में भी बड़ी सहजता और बिना किसी बाहरी मदद के देख सकता है.
नोंग की आंखों पर जब लाइट डाली जाती है तो उसकी आंखें अजीबोगरीब रंगों को परावर्तित करती हैं. विशेषज्ञों ने जब नोंग की आंखों का परीक्षण किया तो उन्होंने यह पाया कि जब नोंग की आंखों पर लाइट डाली जाती है तो उसकी आंखों का रंग एक विशेष प्रकार की बिल्ली की तरह नियॉन हरे रंग में बदल जाता है.
नोंग के अध्यापकों का कहना है कि वह स्कूल में सामान्य बच्चों के साथ खेलता है लेकिन तेज रोशनी में उसे देख पाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वह सूरज की रोशनी में सही से नहीं देख पाता, लेकिन अंधेरा चाहे कितना भी हो वह सब कुछ साफ-साफ देख लेता है.
चीन के पत्रकारों को जब नोंग के विषय में पता चला तो उन्होंने स्वयं नोंग की आंखों का परीक्षण करना चाहा ताकि सभी संदेह दूर किए जा सकें. पत्रकारों ने नोंग को एक अंधेरी जगह पर रखा और उस जगह पर मौजूद छोटी सी छोटी लाइट या रोशनी के स्त्रोतों को कंबल से ढक दिया गया. पत्रकारों द्वारा नोंग को एक प्रश्नपत्र दिया गया और उसे सभी सवालों को इतने अंधेरे स्थान पर हल करने को कहा. समय समाप्त होने के बाद पत्रकार यह देख कर हैरान रह गए कि नोंग ने हर सवालों का ना सिर्फ सही उत्तर दिया है बल्कि छोटी से छोटे अक्षर या संख्या का भी ध्यान रखा है.
जब पत्रकार एक परीक्षण के बाद आश्वस्त नहीं हुए तो उन्होंने एक अन्य परीक्षण करने की सोची. एक अंधेरी जगह पर नोंग को कुछ ताश के पत्ते दिखाए गए और उसे यह बताने को कहा कि पत्ता कौन सा है. सभी यह देखकर हैरान हो गए कि बिलकुल अंधेरे में भी नोंग ने सही उत्तर दिया है.
नोंग के पिता का कहना है कि उसके जन्म के दो सप्ताह पश्चात डॉक्टरों ने उन्हें यह बता दिया था कि नोंग की आंखें अलग हैं लेकिन उन्होंने यह आश्वासन भी दिया था कि समय के साथ-साथ नोंग की आंखें ठीक हो जाएंगी, लेकिन अब तक कोई बदलाव नहीं आया है. डॉक्टरों ने कहा था कि धीरे-धीरे इसकी आंखें काली हो जाएंगी परंतु अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. नोंग या उनके परिवार वालों को नीली आंखों के कारण किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है इसीलिए उन्होंने भी इस ओर ध्यान देना छोड़ दिया.
अब नोंग की आंखों के पीछे की हकीकत क्या है? क्या कुदरत ने वाकई एक इंसान के शरीर में बिल्ली की आंख लगा दी है? अभी तक इस सवाल का जवाब किसी के भी पास नहीं है.
Read Comments