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यह खूबसूरत कल्पना किसके हिस्से आएगी

treasure hunt shobhan sarakarकिस्से कहानियों का सबसे पसंदीदा किरदार है यह. इसके नाम पर कोई अपनी जान भी दे दे, किसी की जान भी ले ले. हर कोई उसे अपने जीवन में लाना चाहता है. दुनिया की यह सबसे खूबसूरत चीज जाहिर सी बात है कि हर किसी को भाएगी लेकिन ऐसी खूबसरत चीजें हर किसी के हिस्से नहीं आती जनाब! कल भी लोग इसके सपने देखते हैं, आज भी इसके सपने देखते हैं. हां फर्क इतना जरूर आया है कि कल तक लोग इसे एक कल्पना मानकर सुनते थे..सोचते थे कि काश! इसका सच में कोई वजूद होता…पर आज सबको पता चला है कि यह केवल कहानियों की कल्पना नहीं थी लेकिन हकीकत की कल्पना है..तो अब सब उसे पाने की टोह में लगे हैं. देखते हैं यह खूबसूरत कल्पना किसके हिस्से जाती है…


राजा राव रामबक्स सिंह का किला और खजाना आज बच्चे-बच्चे की जुबान पर है. आम आदमी तो आम आदमी, उत्तर प्रदेश सरकार भी इस खजाने के पीछे सपने संजोए बैठी है. हर कोई जानना चाहता है कि क्या सच में यह खजाना है! इस खबर को सुनने-पढ़ने वाला हर शख्स शायद जरूर जानना चाहेगा कि खजाना अगर है तो कितना है और अगर मिला तो किसके हिस्से आएगा. आधुनिक भारत में शायद यह सबसे रोमांचकारी क्षणों में एक है जब खजाने जैसी कोई चीज पूरे देश में चर्चा का विषय है, खासकर उत्तर प्रदेश और इसके उन्नाव जिले के छोटे से गांव डौंडियाखेड़ा में.


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कहानी-किस्सों में राजा-महाराजाओं द्वारा गड़े हुए खजाने को पता लगाने, सपने में खजाने के गड़े होने की बात पता चलने, उसे पाने आदि की कहानियां हर हर बच्चा अपनी दादी-नानी से बड़े चाव से भले सुनता हो लेकिन बड़े होने के साथ ही सब इस हकीकत को मान लेते हैं कि कहानियों की बातें सिर्फ कहानियों में होती हैं और असलियत में उसका कोई वजूद नहीं होता. कोई अगर गड़े हुए खजाने की बात भी करे तो लोग उसे पागल करार दे देते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में आज ठीक इसके उलट कहानी है. उन्नाव जिले के छोटे से गांव डौंडियाखेड़ा में जहां राजा राव रामबक्स सिंह का किला है में खजाना गड़े होने की बात यहां के एक माननीय साधु शोभन सरकार ने बताई. शोभन सरकार सरकार का कहना है कि सपने में राजा राव रामबक्स के किले में लाखों टन सोने का खजाना गड़े होने की बात आई. हालांकि गांववालों का कहना है कि खजाने की जानकारी पहले ही गांववालों को थी लेकिन शोभन सरकार की मंजूरी के बिना खजाना निकालना अपशकुन माना जाता था. इसलिए अब जब शोभन सरकार ने खजाना निकालने की मंजूरी दे दी है तो हर कोई इसके बारे में जाना चाहते हैं.


शोभन सरकार ने सपने में खजाना राजा राव रामबक्स सिंह के किले में खजाना गड़ा होना आने पर उसे निकालने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा. राज्य सरकर ने पुरातत्व विभाग को भेजकर वहां खजाने के होने की पुष्टि की. इसके बाद ही 18 अक्टूबर को खजाने की खोज में खुदाई डौंडियाखेड़ा में उस जगह खुदाई के आदेश दिए. हालांकि गांव वालों को शोभन सरकार के सपने पर पूरा यकीन है, दूर-दूर से लोग उसे देखने भी आ रहे हैं लेकिन बुद्धिजीवियों को अभी भी सपनों की इस संकल्पना पर शक है. सोशल साइट्स पर भी यह बड़ी चर्चा का विषय है. लोग जानना चाहते हैं कि सचमुच खुदाई में खजाना निकलता है या नहीं और अगर निकलता है तो क्या सच में भारतीय रिजर्व बैंक में जमा सोने से भी ज्यादा होगा? अगर ऐसा होगा भी तो इतने बड़े खजाने का दावेदार आखिर कौन होगा? कुछ लोग जो राजा के वंशज बनकर आ रहे हैं क्या उन्हें भी इसमें हक मिलेगा? क्या गांव वालों को खजाने में हिस्सा मिलेगा या उत्तर प्रदेश सरकार इसे रख लेगी?


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सबसे मजेदार बात सुनिए..शोभन सरकार इसे गांव के विकास में 2 घंटे में खर्च किए जाने का दावा करते हैं. उनका यह दावा शंका पैदा कर रही है कि कहीं यह भी लूटपाट में बंटकर एक और घोटाले का हिस्सा न बन जाए. वो फिल्में याद कीजिए जिसमें खजाने की खोज में लगे लोग आखिर में एक दूसरे के पीछे भागते नजर आते हैं. आखिर में पता चलता है कि या तो खजाना था ही नहीं या था भी तो आखिर में किसी के हाथ नहीं आया. राजा राव रामबक्स सिंह के किले का खजाना जिसे भी मिले लेकिन पहले ये तो पता चला कि पहाड़ के नीचे कुछ है भी या यूं ही शोर मच रहा है!

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