कई कहानियां ऐसी होती हैं जो न चाहते हुए भी भुला दी जाती हैं. कुछ कहानियां अपने स्वार्थ के लिए जानबूझकर मिटा दी जाती हैं. इस कहानी के मिटने के पीछे सच क्या था यह तो नहीं पता लेकिन हां इतना जरूर है कि आप-हम कोई भी इसके जानकार नहीं हैं. इसके खोने का राज कोई नहीं जानता, न हम आपको बता सकते हैं लेकिन यह राज है क्या यह हम जरूर बता हैं.
आपने सिंधु घाटी सभ्यता, हड़प्पा संस्कृति, रोम की उन्नत वैज्ञानिक सभ्यताओं के बारे में सुना होगा. आप सोचते होंगे कि बस यही कुछ सभ्यताएं मानव इतिहास में उन्नत काल हैं. अगर ऐसा है तो आप गलत सोचते हैं. भारत समेत विश्व के अन्य हिस्सों में कई अन्य मानव सभ्यताएं भी थीं जो बहुत उन्नत थीं. यह और बात है कि इतिहास की यादों में इन्हें कोई खास महत्व नहीं दिया गया. इनमें से कुछ को आप इस तरह जान सकते हैं:
अक्सुम: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में खास पहचान रखने वाला अक्सुम किंगडम इस्लाम के उदय के साथ ही विलुप्त हो गया. अक्सुम कई दंतकथाओं का हिस्सा भी रहा है.
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कुश: अपने बेशुमार सोने के खजाने और बहुमूल्य प्राकृतिक खादानों के लिए प्रसिद्ध ‘कुश’ साम्राज्य का पतन क्यों और कैसे हुआ आज तक कोई नहीं जानता. एक उन्नत कृषि पद्धति के साथ कुश साम्राज्य की विशेषता इसके विकसित शहर भी थे. सबसे बड़ी विशेषता इसकी यह रही कि 750 बीसी में मिस्र को जीतकर इसने एक शताब्दी से ज्यादा इस पर शासन किया. असीरियन के आक्रमण और अधिग्रहण के बाद इसका पतन हो गया लेकिन क्यों और कैसे यह कोई नहीं जानता.
यम: मिस्र साम्राज्य में व्यापार का भागीदार और इनका बड़ा प्रतिद्वंद्वी माना जाने वाला यम धूप, आबनूस, तेंदुए की खाल, हाथी दांत आदि के लिए जाना जाता था. ऐसा माना जाता है कि यम साम्राज्य मिस्र से 700 किलोमीटर दक्षिण पूर्व दिशा में था. उस वक्त इतनी दूरी बहुत मायने रखती थी लेकिन अगर फिर भी मिस्रवासी यम से व्यापार व्यवस्था चलाते थे तो इसी से यम का महत्व पता चलता है.
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मितानी किंगडम: मितानी का साम्राज्य 1500 से 1200 ईसा पूर्व का माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि आज के सीरिया और उत्तरी ईराक की जगह तब यह साम्राज्य था. मान्यता है कि मिस्र की प्रसिद्ध रानी नेफर्तिती मितानी थीं और इनकी शादी मिस्र के फराओ से हुई थी. आश्चर्यजनक रूप से मितानी संस्कृति पर भारतीय संस्कृति का प्रभाव भी दिखता है. मितानी कर्म, पुनर्जन्म आदि में विश्वास करते थे. यह भी मितानी और मिस्र में गहरा संबंध होने की संभावना जताते हैं.
तुवाना: धन-संपदा से संपन्न होने के साथ एक उन्नत संस्कृति का परिचायक तुवाना साम्राज्य के आज के तुर्की की जगह होने के साक्ष्य मिलते हैं. यहां हीरोग्लिफिक भाषा प्रयोग की जाती थी जिसे लुविआन कहा जाता था. बाद में इसने फोएनिसियन लिपि के अक्षरों को भाषा के रूप में प्रयोग किया. इतिहासकार ऐसी संभावना जताते हैं कि ग्रीक अक्षरों का उदय ‘तुआना’ से ही हुआ है.
मौर्य सभ्यता: भारत का अलेक्जेंडर माने जाने वाले चंद्रगुप्त मौर्य और उनका मौर्य वंश एक उच्च कोटि की शासन व्यवस्था की मिसाल था. सेल्यूकस निकेटर जैसे मेसिडोनियन जनरल को हराकर चंद्रमौर्य ने एक मिसाल कायम की थी लेकिन उनके बाद उनके राज्य का पतन होता गया. अशोक की मृत्यु के बाद मौर्य साम्राज्य का पूरी तरह पतन हो गया और इस तरह एक और उन्नत साम्राज्य इतिहास के गर्भ में विलुप्त हो गया. हालांकि इन साम्राज्यों के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं पर जो भी जानते हैं उन्हें पता है कि मिस्र, रोम और सिंधु घाटी सभ्यता से ये साम्राज्य कम नहीं थे.
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