कई लोग इसे मानते हैं, कई नहीं मानते हैं. कहते भी हैं मानो तो भगवान, न मानो तो पत्थर है. भगवान को मानने वाले भी बहुत हैं, भगवान को न मानने वाले भी बहुत हैं. इसे भी कई लोग मानेंगे, कई नहीं भी मान सकते हैं. लेकिन हर दशा यही कहती है कि आज अगर आपने चांद देखा तो आपके लिए बहुत बुरा हो सकता है.
अज गणेश चतुर्थी है. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन जो भी चांद देखेगा वह कलंकित हो जाएगा. इसलिए आज के दिन पुराणों में चांद देखने से मना किया गया है. कई लोग इसे अंधविश्वास मानकर इसे नहीं भी मानते हैं लेकिन भगवान को और ग्रंथों को मानने वालों को इसपर भरोसा है. कई लोग इसके लिए पूजा भी करते हैं. पर इसके पीछे का रहस्य क्या है?
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इसके पीछे यह मान्यता है कि चांद को गणेश जी का श्राप है. धार्मिल कथाओं के अनुसार एक बार गणेश जी चूहे पर सवार हो चंद्रलोक के भ्रमण को निकले. चांद को अपनी खूबसूरती पर बड़ा घमंड था. गणेश जी को चंद्रलोक में देखकर उसने उनके बड़े पेट और हाथी की जैसी मुखाकृति के लिए बहुत उपहास किया. इसपर गणेश जी क्रोधित हो गए और उन्होंने चांद को शाप दे दिया. पुराणों के अनुसार गणेश जी ने चंद्रमा को शाप दिया कि भाद्रपद की चतुर्दशी (भादो चतुर्थी) को जो कोई भी चांद देखेगा वह उसपर कोई न कोई दाग जरूर लगेगा अर्थात वह कलंकित हो जाएगा. इसके पीछे तर्क दिया ज सकता है कि कोई भी अपने आंतरिक गुणों के कारण ही मान पाता है, बाह्य आवरण की खूबसूरती के कारण नहीं. गणेश जी चंद्रमा से ज्यादा गुणवान थे इसके बावजूद अपनी खूबसूरती से मदांध हो चंद्रमा ने उनका उपहास किया. लेकिन उसका यह गुण उसके किसी काम न आ सका और वह अपने कड़वे स्वभाव के कारण दुनिया के कलंकित बन गया.
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