जिसने वह शादी देखी अपने आप को खुशनसीब मानता हो शायद कि क्या पता फिर ऐसी कोई शादी दिखे न दिखे. जिसने इसे जाना उसे धक्का लगा कि ऐसा कैसे हो सकता है. न ऐसी कोई बात कहीं होती है, न ऐसी कोई बात कोई कहना-सुनना पसंद करता है. दुनिया की ये नायाब शादियां शायद आपके मजाक का भी हिस्सा बन जाएं पर हकीकत में शादियां ही थीं. कोई इसे मान दे तो भी, न दे तो भी!
ये शादी यूं तो आम शादी थी लेकिन अजूबा थे शादी करने वाले जोड़े. अजूबा इसलिए क्योंकि इन शादियों में कोई खूबसूरत लड़का-लड़की नहीं थे बल्कि खूबसूरत ‘स्निफर डॉग्स’ थे. और इस शादी का प्रायोजक और कोई नहीं, पुलिस महकमा था. जी हां, कुत्तों के लिए ऐसा प्यार शायद आपने नहीं देखा होगा.
श्रीलंका पुलिस ने पुलिस सेवा के लिए रखे जाने वाले 9 जोड़ी ‘स्निफर डॉग्स’ की शादी पूरे परंपरागत तरीके से करवाई. शादी के मंडप से लेकर उनके हनीमून तक की व्यवस्था की भी श्रीलंका पुलिस ने ही की. शादी के परंपरागत जोड़ों में सजे इन नवविहाहित ‘डॉग्स कपल्स’ को पुलिस की वैन में हनीमून के लिए भी ले जाया गया.
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गौरतलब है कि इस शादी में बौद्ध शादियों की पूरी परंपरा का पालन किया गया. परंपरागत बौद्ध शादी के रीति-रिवाजों का पालन करते हुए स्निफर डॉग्स की इस शादी के लिए श्रीलंका पुलिस हर तरफ से निंदित हो रहा है. डॉग्स जोड़ियों को बौद्ध शादियों में पहने जाने वाले परंपरागत शॉल, हैट और मोजे पहनाए गए थे. इतना ही नहीं इनकी इस शादी को कानूनी तौर पर रजिस्टर भी किया गया. जानवरों के डॉक्टर, पुलिस महकमे के उच्च अधिकारी के साथ आम जनता और प्रेस भी उनकी इस शादी का गवाह बने. इससे श्रीलंका पुलिस विवादों में घिर गई है. वहां का प्रशासन और आम जनता इसे बौद्ध परंपरा का अपमान मान रहा है.
श्रीलंका पुलिस ने इसके लिए लोगों माफी मांगी है, साथ ही उनका यह भी कहना है कि इस शादी का मतलब उनके लिए मस्ती-मजाक या बौद्ध परंपरा का अपमान करना नहीं था. उनका कहना है कि स्निफर डॉग्स उनकी जरूरत हैं और उन्हें बाहर से मंगवाने में फिजूल पैसे भी खर्च होते हैं. इसलिए स्निफर डॉग्स की संख्या बढ़ाने के लिए उन्होंने यह आयोजन किया. 2011 का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उस वक्त भी नीदरलैंड से इन डॉग्स को मंगवाने में 500 हजार डॉलर खर्च हुए. इसलिए उन्होंने सोचा देश में इन डॉग्स की संख्या बढ़ाई जाए और इसी को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने इस शादी का आयोजन भी किया.
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