अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ इंसान ही एकदूसरे को नाम से पुकारते हैं, एकसाथ और सामाजिक जीवन में रहना जानते हैं तो हम आपके सामान्य ज्ञान को थोड़ा दुरुस्त किए देते हैं. आपको शायद यकीन नहीं होगा कि पानी में अपने करतब दिखाकर दर्शकों का मन मोह लेने वाली डॉल्फिन एक दूसरे ना नाम अच्छी प्रकार से जानती हैं. बस जानती ही नहीं बल्कि ‘निक नेम’ से एक दूसरे को आवाज भी लगाती हैं और उन्हें जवाब भी मिलता है.
आपको हमारी बातों पर यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन सेंट एंड्रूज यूनिवर्सिटी स्कॉटलैंड से संबद्ध प्रोफेसर डॉक्टर विंसेट जनिक का कहना है कि डॉल्फिन ऐसी प्रजाति है जो हमेशा ग्रुप में रहती है इसीलिए उन्हें एक दूसरे से काम पड़ता है, ऐसे में उनके लिए एक दूसरे का नाम जानना बहुत जरूरी होता है और वह जानती भी हैं. प्रोफेसर जनिक का कहना है कि डॉल्फिन ऐसे वातावरण में रहती हैं जहां उनका एकदूसरे के साथ संपर्क रखना पड़ता है और संपर्क रखने के लिए इंसान जहां अन्य व्यक्तियों को उनके नाम से पुकारते हैं वहीं डॉल्फिन अपने साथियों को सीटी के जरिए पुकारती हैं. अलग-अलग व्यक्तियों के अलग-अलग नामहोते हैं उसी तरह हर डोल्फिन को बुलाने के लिए सीटी भी अलग तरीके की होती है.
प्रोफेसर विंसेट जनिक के अनुसार विशेषतौर पर पानी के भीतर रहने वाले जीवों के लिए एक-दूसरे से संपर्क साधना ज्यादा जरूरी इसीलिए हो जाता है क्योंकि वह पानी के अंदर ना तो एक-दूसरे की खुशबू सूंघ सकते हैं और ना ही सही तरह एक दूसरे को देख ही सकते हैं. यह दोनों ही चीजें किसी की पहचान के लिए बहुत जरूरी होती है और जब इनमें से कुछ भी मुमकिन ना हो तो उन्हें पहचान करने के लिए कोई ना कोई रास्ता खोजना ही पड़ता है. इतना ही नहीं वह घोसलों या बिलों में भी नहीं रहतीं जिसकी वजह से उन्हें अपने घर,परिवार और दोस्तों का रास्ता नहीं पता होता. ऐसे में जरूरी है कि वो अपने साथियों को पहचानने,बुलाने के लिए कोई सिग्नल,नाम का प्रयोग करें. अब जबकि डॉल्फिन इंसानी भाषा में पुकार नहीं सकतीं इसीलिए वह अलग-अलग तरह की सीटीयों की सहायता से अन्य डॉल्फिन को आवाज लगाती हैं.
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