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धर्म के नाम पर मानव बलि की खौफनाक घटनाएं

जब जीवन की परेशानियों से तंग आकर इसे समाप्त कर लेना ही व्यक्ति के पास एकमात्र विकल्प रह जाता है तो वह बिना इस बात की परवाह किए कि उसके बाद उसके परिवारवालों का क्या होगा या वह उसके मौत के सदमे को कैसे सहन कर पाएंगे वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेता है. लेकिन आपने क्या कभी सामूहिक आत्महत्या या धार्मिक आत्महत्या के बारे सुना है? बहुत ही कम लोग जानते हैं कि बोझिल दुनिया से दूर स्वर्ग की प्राप्ति के लालच में कई बार लोगों ने सामुदायिक आत्महत्या की है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ कुख्यात आत्महत्याओं के बारे में बताएंगे जिसका अनुसरण कर पूरा समुदाय य किसी विशिष्ट धर्म को मानने वाले लोगों ने स्वर्ग को पाने की लालसा में अपना जीवन समाप्त कर लिया.


वो मानव जाति की तबाही का इंतजार कर रहा है

1. पीपल्स टेम्पल: वर्ष 1955 में जोंसटाउन, गुयाना में जिम जिन्स द्वारा स्थापित पीपल्स टेम्पल में 18 नवंबर, 1978 को लगभग 1000 अमेरिकी लोगों ने एक साथ आत्महत्या की, जिनमें 303 सिर्फ बच्चे ही थे. इस टेम्पल से मिली टेप में टेम्पल के सदस्यों और अनुयायियों के बीच वार्तालाप थी जिसमें वो क्रांतिकारी आत्महत्या का जिक्र कर रहे थे. इस टेप में वो उन सभी लोगों का भी जिक्र कर रहे थे जिन्होंने जहर पीकर या अन्य तरीकों को अपनाकर अपना जीवन समाप्त किया था. मंदिर द्वारा जब लोगों को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित किया गया तो टेम्पल में मौजूद सदस्य रोने लगे तो जोंस ने यह कहकर उन्हें अत्महत्या करने के लिए प्रेरित किया कि हमें अपनी गरिमा के साथ मरना है ऐसे रोकर मरेंगे तो हमें कभी सामाजिक कार्यकर्ता या साम्यवादी के तौर पर नहीं याद किया जाएगा. जिमी जोंस की इन बातों ने लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया और सभी लोगों ने अपनी जान ले ली.

जब इंसानी दुनिया में प्रवेश कर ले जिन्न

2. सोलर टेम्पल: वर्ष 1994 से 1997 तक ऑर्डर ऑफ सोलर टेम्पल के चलते स्विट्जरलैंड के दो और कनाडा के एक शहर में करीब 74 लोगों ने अपनी जान दी. इन सभी मौतों में एक तिहाई मौत हत्या थी, जिनमें नवजात शिशु की हत्या भी शामिल थी. मौत से पहले लिखे गए अंतिम खत में लोगों ने यह लिखा था कि उन्हें दुनिया के इस दर्द और परेशानियों को सहने की हिम्मत नहीं है इसलिए वह आत्महत्या कर रहे हैं. सोलर टेम्पल के जो सदस्य बच गए थे उन्होंने भी 1990 दशक के अंत तक आत्महत्या कर ली. सोलर टेम्पल को मानने वाले लोग संक्रांति या विषुव के दिन ही अपनी जान देते थे क्योंकि उनके लिए यह मृत्यु के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता था.

वह गर्भवती औरत आज भी दिखाई देती है वहां

3. स्वर्ग का दरवाजा: कैफोर्निया स्थित स्वर्ग के दरवाजे पर विश्वास करने वाले 40 लोगों ने एक साथ मौत को गले लगाया था. अपने पंथ का अनुसरण वाले लोगों का यह विश्वास था कि आत्महत्या कर वह बस शरीर से मुक्ति पा रहे हैं, ताकि उनकी आत्मा एक अमर यात्रा पर जा सके. कुछ पुरुष अनुयायियों ने तो वंध्यकरण भी कर लिया था क्योंकि उनका मानना था कि एक लिंगों के भेद से मुक्त जीवन उनका मौत के बाद प्रतीक्षा कर रहा है.

एक ऐसी प्रेम कहानी जिसे भुला दिया गया

वह आत्माओं का सौदा करती थी

कब्र में भी सुकून नहीं मिलता यदि……

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