कहते हैं अमावस की रात, जब अंधेरा अपने चरम पर होता है, भूत-प्रेत और आत्माएं अपने-अपने गुप्त ठिकानों को छोड़कर इंसानों की दुनिया में प्रवेश कर जाती हैं. इस रात उनकी सारी शक्तियां एकत्र होकर और मजबूत हो जाती हैं और उन्हें हराना बहुत मुश्किल हो जाता है.
दूसरी कहानी भी अमावस की उसी खौफनाक अंधेरी रात से जुड़ी हुई है. यह कहानी कोलागढ़ नामक एक गांव की है. कोलागढ़ में लोग बहुत कम रहते थे जिसका कारण था वहां का भयानक और बहुत ही घना जंगल. लोगों का तो यह भी कहना था कि वहां कुछ दुष्ट आत्माएं वास करती हैं.
Read – मेरे बच्चे में शैतान की रूह है – Real Horror Story in Hindi
मेरी नानी की बड़ी बहन का परिवार उस गांव में रहता है. एक पारिवारिक कार्यक्रम के दौरान मुझे भी वहां जाना पड़ा. पहले वहां जाने का मेरा कोई मन नहीं था क्योंकि मैंने सुना था वहां मनोरंजन के कोई साधन नहीं थे तो मुझे वहां जाना बहुत बोरिंग लग रहा था. लेकिन मैं नहीं जानता था कि कोलागढ़ ही मेरे जीवन का सबसे बड़ा और रोमांचक अनुभव बन जाएगा.
वह रात भी अमावस की थी. हम गांव की ओर जा ही रहे थे कि अचानक रास्ते में वह घना और अंधेरा जंगल पड़ा. शहर के लोगों के लिए वह एक टूरिस्ट स्पॉट हो सकता था लेकिन गांव वाले उसे आत्माओं का बसेरा मानते थे.
Read – कब्रों से निकालकर आखिर क्यों सजाया जाता है शवों को !!
मुझे यह सब बहुत दकियानूसी लगा लेकिन रात होते-होते मैंने जो भी देखा वह वाकई दिल दहला देने वाला था. मैं और मेरा परिवार गाड़ी में बैठकर वो जंगल क्रॉस कर रहे थे. दिन पूरी तरह ढल चुका था और रात के करीब 11 बजने को आए थे.
वह जंगल बहुत बड़ा था इसीलिए उसे पार करने में काफी समय लग रहा था. जहां-जहां गाड़ी की लाइट पड़ती बस वहीं कुछ नजर आता था. अचानक हमने देखा कि गाड़ी के सामने एक तेज रोशनी चमकने लगी. हमें लगा कि शायद बिजली गिरी है लेकिन मौसम एकदम साफ था.आगे चले तो पीछे किसी ने हमें आवाज लगाई कि गाड़ी रोक ले. लेकिन ड्राइवर के बहुत जोर देने पर हमने गाड़ी रुकवाने का प्लान कैंसल कर दिया.
Read – पैसे की भी नदियां बहती हैं !!!
हमने देखा कि एक महिला पेड के किनारे खड़ी थी, जैसे किसी के आने के इंतजार में हो. हमने उसे देखकर अनदेखा कर दिया लेकिन उसने हमें नजरअंदाज नहीं किया. अचानक ऐसा लगा जैसे हमारी गाड़ी में हमारे अलावा भी कोई बैठा है. मां और मैं पीछे थे लेकिन पहले जिस आराम से बैठे थे अचानक वह सब गायब हो गया था. गाड़ी में अजीब सी बदबू थी. मुझे डर लगने लगा लेकिन ड्राइवर ने कहा डरने की बात नहीं है, यह कुछ दूर जाकर उतर जाएगी. हम डर गए कि कौन और कहां उतर जाएगी?
हम सब ऐसे बैठे रहे जैसे शरीर में जान ही न हो. 20-25 मिनट तक सब बहुत भयानक रहा लेकिन अचानक सब ठीक हो गया और ऐसा लगा वातावरण में जो शोक था उसके स्थान पर जीवंतता वापस आ गई हो. ड्राइवर ने कहा यहां कुछ आत्माएं ऐसी हैं जो यात्रियों को बुरी आत्मा से बचाने के लिए उनके साथ-साथ चलती हैं और एक सुरक्षित स्थान पर लाकर उन्हें छोड़ देती हैं. हम डरे रहे, सहमे रहे और बस घर जल्दी से जल्दी पहुंचने की दुआ करते रहे.
Read
मरने के बाद भी नहीं मिटी उसकी प्रेम कहानी !!
Read Comments