घर के आंगन या छत पर चहचाहती चिड़िया देखे एक जमाना हो गया. दिनोंदिन बढ़ती इमारतों की संख्या और प्रकृति से दूरी के कारण चिड़िया जिसे गौरैया कहा जाता है, ने दिल्ली शहर से अपना नाता ही तोड़ लिया है. एक समय था जब चिड़िया को अपने घर बुलाने के लिए लोग अपने घर में बाजरा डाला करते थे लेकिन अब शहरी संस्कृति से नाराज यह मासूम सा पक्षी ना जाने कहां खो गया है.
लेकिन अब दिल्ली सरकार ने लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी इस गौरैया पक्षी को दिल्ली का राज पक्षी घोषित कर दिया है. हाल ही में राइज फॉर द स्पैरोज अभियान के शुभारंभ के अवसर पर यह निर्णय लिया गया. इस मौके पर नेचर फॉरएवर सोसाइटी के प्रमुख मोहम्मद दिलावर का कहना था कि विलुप्त होती इस नन्हीं पक्षी को बचाने के लिए ही इस अभियान की शुरुआत की गई हैं, जिसे दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी पूरा समर्थन दिया है.
भानगढ़ में ही नहीं और भी जगह भूत-पिशाचों का डेरा
दिलावर, जिन्हें वर्ष 2008 में अमेरिका की मशहूर पत्रिका टाइम मैगजीन ने 30 हीरोज ऑफ एनवारयनमेंट की सूची में शामिल भी किया था, का यह भी कहना है कि गोरैया पक्षी को दिल्ली का राज पक्षी घोषित करने से दुनियाभर में इस पक्षी का संरक्षण करने के प्रयासों को बल मिलेगा, जिसकी आज के समय में बहुत ज्यादा जरूरत है.
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उल्लेखनीय है कि ‘राइज फॉर द स्पैरो’ का उद्देश्य सामान्य पक्षियों के संरक्षण और उनकी रक्षा करने के लिए लोगों को जागरुक करना है. इस संस्था की कोशिश है कि पक्षियों के संरक्षण से जुड़े विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.
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